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शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने के पीछे की गलतियाँ: नितिन गडकरी का बड़ा बयान

महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले में स्थित राजकोट किले में छत्रपति शिवाजी महाराज की 35 फीट ऊंची प्रतिमा गिरने के बाद राजनीतिक विवाद गहराता जा रहा है। इस घटना के बाद से विपक्ष ने बीजेपी सरकार पर तीखे हमले शुरू कर दिए हैं, और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी निशाने पर लिया जा रहा है। इस बीच, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने प्रतिमा के गिरने के पीछे की तकनीकी खामियों पर खुलकर बयान दिया है और इसका संभावित समाधान भी सुझाया है।

नितिन गडकरी का बड़ा बयान: स्टेनलेस स्टील की सलाह

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने प्रतिमा के गिरने का कारण बताते हुए कहा कि समुद्र के पास बनने वाले संरचनाओं में स्टेनलेस स्टील का इस्तेमाल करना जरूरी होता है। अगर छत्रपति शिवाजी महाराज की इस प्रतिमा के निर्माण में स्टेनलेस स्टील का उपयोग किया गया होता, तो यह घटना नहीं होती। गडकरी ने बताया कि जब वे महाराष्ट्र में मंत्री थे, तब मुंबई में 55 फ्लाईओवर के निर्माण का काम किया जा रहा था। उस दौरान, उन्हें किसी व्यक्ति ने गलत जानकारी देकर यह यकीन दिलाया था कि लोहे की छड़ों पर पाउडर कोटिंग लगाकर उन्हें जंगरोधी बनाया जा सकता है। लेकिन बाद में यह साबित हुआ कि उनमें जंग लग गई थी। गडकरी ने कहा कि समुद्र के नजदीक की संरचनाओं में जंग लगने की संभावना अधिक होती है, इसलिए ऐसे मामलों में स्टेनलेस स्टील का इस्तेमाल अत्यंत जरूरी है।

समुद्र के पास जंग लगने की समस्या गंभीर

गडकरी ने आगे कहा कि समुद्र से 30 किलोमीटर के दायरे में होने वाले किसी भी प्रकार के कंस्ट्रक्शन के लिए स्टेनलेस स्टील का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। समुद्र के नजदीक जंग लगने की समस्या गंभीर होती है, जो कि इस प्रतिमा के गिरने का एक प्रमुख कारण हो सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि इस प्रकार की संरचनाओं में उच्च गुणवत्ता की सामग्री का उपयोग करने से ही इस तरह की दुर्घटनाओं से बचा जा सकता है।

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