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बिलासपुर में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के कार्यकर्ता विकास वर्ग का समापन, युवाओं ने दिखाई समाज परिवर्तन की ताकत

बिलासपुर, 7 जून 2025 बिलासपुर के कोनी स्थित सरस्वती शिशु मंदिर परिसर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के मध्य क्षेत्र के कार्यकर्ताओं के लिए आयोजित कार्यकर्ता विकास वर्ग प्रथम (सामान्य) मध्यक्षेत्र का समापन समारोह 7 जून 2025 को भव्य रूप से संपन्न हुआ। इस 20 दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में मध्य क्षेत्र के 308 स्थानों से आए 382 स्वयंसेवकों ने हिस्सा लिया, जिनमें किसान, महाविद्यालयीन छात्र, व्यवसायी, कर्मचारी, अधिवक्ता, अभियंता, चिकित्सक, और प्राध्यापक शामिल थे।

प्रशिक्षण वर्ग का अवलोकन

वर्ग कार्यवाह श्री विक्रम सिंह ने समापन समारोह में वर्ग का प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए बताया कि 18 मई से शुरू हुए इस प्रशिक्षण वर्ग में स्वयंसेवकों को शारीरिक, बौद्धिक, और श्रम साधना के सत्रों के माध्यम से प्रशिक्षित किया गया। वर्ग का दैनिक कार्यक्रम प्रातः 4:15 बजे जागरण से शुरू होकर रात 10:15 बजे तक संचालित हुआ। इस दौरान सेवा कार्य, संपर्क, और प्रचार विभाग के कार्यों के प्रति व्यवहारिक प्रशिक्षण दिया गया। वर्ग में 58 शिक्षक और 13 पालक कार्यकर्ता पूर्णकालिक रूप से उपस्थित रहे।

मुख्य अतिथि का संबोधन

समारोह के मुख्य अतिथि छत्तीसगढ़ लोकनाचा राष्ट्रीय रासधारी (रहस) के डॉ. उग्रसेन कन्नौजे ने अपने संक्षिप्त संबोधन में कहा,

“आज का यह कार्यक्रम मेरे जीवन का ऐतिहासिक क्षण है। मैंने अपने जीवन में कई बड़े मंचन किए, लेकिन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के इस मंच पर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित होना मेरे लिए गर्व का विषय है। RSS ही वह संगठन है जो छोटे-छोटे समुदायों और हिंदू पद्धति को चिरस्थायी बनाने के लिए स्वयंसेवकों के गुणों का निर्माण कर रहा है। प्रत्येक व्यक्ति को अपने बच्चों को मातृभूमि की रक्षा और समाज सेवा के लिए प्रेरित करना चाहिए।”

मुख्य वक्ता का उद्बोधन

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय सह बौद्धिक प्रमुख दीपक विस्पुते ने अपने संबोधन में प्राचीन भारत की श्रेष्ठता और आधुनिक चुनौतियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा,

“प्राचीन भारत श्रेष्ठ भारत रहा है। आकांताओं के हजार वर्ष के शासन के समाज में कुछ दोष एवं समाज में आत्महीनता, आत्म गौरव का अभाव हमारे सामाजिक पतन का कारण बना। कृणवन्तो विश्वआर्यम का संदेश देने वाला हिन्दू समाज अभाव एवं संकटो से ग्रस्त होकर नैरास्य (निराशा) के वातावरण में लिप्त था । इसे दूर करने हेतु, समाज में देशभक्ति, अनुशासन एवं संगठन का भाव जागरण करने हेतु राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ गत् 100 वर्षो से समाज व राष्ट्र जागरण के प्रयास में साधनारत् है । समाज और देश का वैभव किसी एक संस्था संगठन से नही अपितु सारे जागरूक समाज के प्रयास से ही संभव है । अतः सारा समाज एक श्रेष्ठ भारत, दिग्विजयी भारत, समरस भारत, समृद्ध भारत, बनाने में अपना भी योगदान करें, आने वाले समय में 2047 का भारत दुनिया का नेतृत्व करता हुआ, भारत समस्त समाज के प्रयास से खड़ा होकर विश्वमंगल भारत की संकल्पना को साकार करता हुआ दिखेगा। ”

उन्होंने संघ द्वारा आहूत पंच परिवर्तन की अवधारणा पर विस्तार से चर्चा की और 2047 तक भारत को विश्व मंगल का नेतृत्व करने वाला राष्ट्र बनाने का संकल्प दोहराया।

स्वयंसेवकों का प्रदर्शन

समापन समारोह में स्वयंसेवकों ने घोष, समता, आसन, नियुद्ध, पद विन्यास, दंड संचालन, और राष्ट्रभक्ति गीतों का मनमोहक सामूहिक प्रदर्शन किया, जिसने उपस्थित लोगों का मन मोह लिया।

पर्यावरण संरक्षण पर विशेष जोर

वर्ग के दौरान विश्व पर्यावरण संरक्षण दिवस के अवसर पर स्वयंसेवकों, शिक्षकों, और अधिकारियों ने सामूहिक रूप से पौधारोपण किया। इसके अलावा, खाद्यान्न और पानी की बर्बादी रोकने, उपयोग की गई वस्तुओं जैसे प्लास्टिक बोतलों से सामग्री निर्माण, और इको वृक्ष व सीड बॉल निर्माण जैसे कार्य किए गए। इन कार्यों की एक प्रदर्शनी भी आयोजित की गई, जो पर्यावरण संरक्षण का संदेश दे रही थी।

विभागों की प्रदर्शनी

मध्य क्षेत्र के सभी प्रांतों द्वारा आयोजित प्रदर्शनियां आकर्षण का केंद्र रहीं। सेवा प्रकल्पों की प्रदर्शनी ने सामाजिक कार्यों की सार्थकता को उजागर किया, जबकि स्वावलंबन की दिशा में कागज के थैले आदि के निर्माण ने आत्मनिर्भरता की प्रेरणा दी। प्रचार विभाग की प्रदर्शनी ने भारतीय संविधान के महत्वपूर्ण कानूनों और प्रचार के विभिन्न आयामों की जानकारी प्रदान की।

युवाओं की सक्रिय भागीदारी

इस वर्ग में युवाओं की भागीदारी उल्लेखनीय रही। कुल 382 शिक्षार्थियों में से 226 शिक्षार्थी 30 वर्ष से कम आयु के थे। इन युवाओं ने समाज हित में कार्य करने की दृढ़ प्रतिबद्धता प्रदर्शित की, जो सामाजिक परिवर्तन के लिए सकारात्मक संकेत है। वर्ग के दौरान मातृभाषा दिवस, स्वदेशी दिवस, पर्यावरण दिवस, और श्री गुरुजी पुण्य स्मरण दिवस जैसे अवसरों को विशेष रूप से मनाया गया।

समापन और आभार

समापन समारोह का आभार गणपति रायल जी ने व्यक्त किया। इस अवसर पर बिलासपुर विभाग के संघचालक डॉ. राजकुमार सचदेव, वर्ग के सर्वाधिकारी अनिरुद्ध काउरवार, वर्ग पालक अधिकारी श्री प्रवीण गुप्त, क्षेत्र व्यवस्था प्रमुख श्री सुरेश जी, और क्षेत्र प्रचार प्रमुख श्री कैलाश जी सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। यह समारोह समाज जागरण, पर्यावरण संरक्षण, और राष्ट्र निर्माण के प्रति स्वयंसेवकों के समर्पण का प्रतीक रहा।