दक्षिण विधानसभा रायपुर चुनाव में राजनैतिक दलों तथा अभ्यर्थियों के लिए साधारण आचरण निर्देश जारी
रायपुर 15 अक्टूबर 2024 / भारत निर्वाचन आयोग द्वारा रायपुर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र के लिए उपनिर्वाचन की घोषणा कर दी गई है। इसके साथ ही रायपुर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी डॉ. गौरव सिंह ने बताया कि उप-निर्वाचन की अधिसूचना 18 अक्टूबर को जारी की जाएगी। निर्वाचन लड़ने वाले प्रत्याशी 25 अक्टूबर अपना नामांकन रिटर्निंग ऑफिसर या सहायक रिटर्निंग ऑफिसर के समक्ष जमा करा सकेंगे। निर्धारित समयावधि में प्राप्त नामांकन पत्रों की स्क्रूटनिंग 28 अक्टूबर को की जाएगी। अभ्यर्थी स्वयं या अपने किसी प्रस्तावक या लिखित पत्र द्वारा घोषित अपने निर्वाचन अभिकर्ता के माध्यम से लिखित सूचना पर अपना नाम वापस ले सकेंगे। नाम वापसी की अंतिम तिथि 30 अक्टूबर निर्धारित की गई है। अंतिम रूप से निर्वाचन लड़ने वाले अभ्यर्थी की सूची भी इसी दिन जारी होगी। रायपुर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र के उप-निर्वाचन के लिए 13 नवंबर को मतदान होगा। 23 नवंबर को मतों की गणना कर परिणाम घोषित किया जाएगा।
आदर्श आचरण संहिता का पालन करें- भारत निर्वाचन आयोग द्वारा रायपुर दक्षिण विधानसभा उप-चुनाव की घोषणा के साथ ही विधानसभा क्षेत्र में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है। जिला निर्वाचन अधिकारी एवं कलेक्टर डॉ गौरव सिंह ने सभी शासकीय सेवकों, राजनैतिक दलों को आदर्श आचरण संहिता का पालन करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि सभी शासकीय कर्मी निष्पक्ष रहें और निष्पक्ष भाव से चुनाव कार्य संपादित करें।
राजनैतिक दल तथा अभ्यर्थियों के लिए साधारण आचरण-
किसी दल या अभ्यर्थी को ऐसा कोई कार्य नहीं करना चाहिए, जो विभिन्न जातियों और धार्मिक या भाषायी समुदायों के बीच विद्यमान मतभेदों को बढ़ाये या घृणा की भावना उत्पन्न करे या तनाव पैदा करे। जब अन्य राजनैतिक दलों की आलोचना की जाय, तब वह उनकी नीतियों और कार्यक्रम, पुराने आचरण और कार्य तक ही सीमित होनी चाहिए, यह भी आवश्यक है कि व्यक्तिगत जीवन के ऐसे सभी पहलुओं की आलोचना नहीं की जानी चाहिए जिनका संबंध अन्य दलों के नेताओं या कार्यकर्ताओं के सार्वजनिक क्रियाकलाप से न हो, अन्य दलों या उनके कार्यकर्ताओं के बारे में कोई ऐसी आलोचना नहीं की जानी चाहिए जो ऐसे आरोपों पर जिनकी सत्यता प्रमाणित न हुई हो या तोड़-मरोड़ कर कही गई बातों पर आधारित हो। मत प्राप्त करने के लिए जातीय या साम्प्रदायिक भावनाओं की दुहाई नहीं दी जानी चाहिए। मस्जिदों, गिरजाघरों, मंदिरों या पूजा के अन्य स्थानों का चुनाव प्रचार के लिए मंच के रूप में उपयोग नहीं किया जाना चाहिए।