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छत्तीसगढ़ में शराब घोटाले की नई सच्चाई ईडी ने की कार्रवाई

रायपुर: छत्तीसगढ़ में 2000 करोड़ रुपये से अधिक के शराब घोटाले में केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी ने नए सबूत जुटाए हैं। जांच में सामने आया है कि छत्तीसगढ़ मार्केटिंग कॉर्पोरेशन लिमिटेड (सीएमसीएल) बिलों का भुगतान करने के नाम पर आठ प्रतिशत कमीशन लेती थी।

ईडी की टीम ने इस मामले में सीएमसीएल के पूर्व डीजीएम समेत नौ लोगों के खिलाफ ईओडब्ल्यू/एसीबी में रिपोर्ट दर्ज कराई है। इन लोगों में नवीन प्रताप सिंह तोमर, बीआर लोहिया, अजय लोहिया, अभिषेक कुमार सिंह, तिजाउराम निर्मलकर, नीरज कुमार, देवांश देवांगन, जितेंद्र कुमार निर्मलकर और लोकेश्वर प्रसाद सिन्हा शामिल हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, ईडी ने दो लोगों को 28 लाख 80 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए पकड़ा। सीएमसीएल के अधिकारियों का रिश्वत लेने का यह तरीका मैनपॉवर उपलब्ध कराने वाली कंपनियों के साथ जुड़ा हुआ था।

कमीशन की सच्चाई

जांच में सामने आया है कि सीएमसीएल का एक अधिकारी मैनपॉवर उपलब्ध कराने वाली कंपनी से बिल भुगतान के एवज में आठ प्रतिशत की रिश्वत मांगता था। एक आरोपी ने ईडी को बताया कि सीएमसीएल के पूर्व डीजीएम नवीन प्रताप सिंह तोमर ने उसे जानकारी दी थी कि वह इस कमीशन के लिए सीधे तौर पर मैनपॉवर कंपनियों से संपर्क करता था।

रिश्वत का नेटवर्क

ईडी द्वारा पकड़े गए लोगों ने खुलासा किया कि उन्हें रिश्वत जुटाने के निर्देश उनके रियल एस्टेट बॉस से मिले थे। पिछले साल, सीएमसीएल कार्यालय में छापे के दौरान अभिषेक कुमार सिंह और तिजाउराम को रिश्वत देते हुए पकड़ा गया था। दोनों कर्मचारी मेसर्स ईगल हंटर सॉल्यूशंस लिमिटेड के लिए काम करते थे और सीएमसीएल को मैनपॉवर प्रदान कर रहे थे।

इस मामले की गहराई में जाने पर और भी कई तथ्यों का खुलासा हो सकता है, जिससे यह घोटाला और भी बड़े पैमाने पर फैला हुआ प्रतीत होता है।

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