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प्रधानमंत्री मोदी करेंगे देश के पहले डिजिटल जनजातीय संग्रहालय का लोकार्पण — शहीद वीर नारायण सिंह के शौर्य को मिलेगा नया आयाम

छत्तीसगढ़ की 25वीं वर्षगांठ पर 1 नवम्बर को इतिहास रचने जा रहा है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी नवा रायपुर में देश के पहले डिजिटल जनजातीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी संग्रहालयशहीद वीर नारायण सिंह स्मारक सह-जनजातीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी संग्रहालय — का लोकार्पण करेंगे। यह भव्य संग्रहालय छत्तीसगढ़ के अमर आदिवासी वीरों के बलिदान, संघर्ष और गौरवशाली विरासत को समर्पित है।

वीर नारायण सिंह से लेकर भूमकाल तक — संघर्ष की गाथाओं का केंद्र
यह संग्रहालय छत्तीसगढ़ के जननायक वीर नारायण सिंह के साथ उन सभी जनजातीय नायकों की स्मृतियों को सहेजता है जिन्होंने अंग्रेज़ी हुकूमत के खिलाफ विद्रोह किया। 50 करोड़ रुपये की लागत से नवा रायपुर के सेक्टर-24 में निर्मित यह संग्रहालय देश का पहला डिजिटल ट्राइबल म्यूज़ियम है। इसे आधुनिक तकनीक और पारंपरिक कला के संगम के रूप में विकसित किया गया है।

यहाँ आगंतुक अत्याधुनिक वीएफएक्स तकनीक, डिजिटल प्रोजेक्शन और क्यूआर कोड स्कैनिंग की मदद से हर आंदोलन की कहानी को इंटरैक्टिव रूप में अनुभव कर सकेंगे। हल्बा, सरगुजा, परलकोट, सोनाखान, भूमकाल और जंगल सत्याग्रह जैसे 14 प्रमुख जनआंदोलनों को अलग-अलग सेक्टरों में प्रस्तुत किया गया है।

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भव्य स्मारक और सांस्कृतिक विरासत का संगम
संग्रहालय परिसर में वीर नारायण सिंह की स्मृति में एक विशाल स्मारक भी बनाया गया है। प्रवेश द्वार पर सरगुजा के कारीगरों द्वारा निर्मित पारंपरिक नक्काशीदार कलाकृतियाँ लगी हैं। परिसर में साल, महुआ और साजा वृक्षों की प्रतिकृतियाँ भी स्थापित की गई हैं, जिनकी पत्तियों पर डिजिटल माध्यम से विद्रोहों की कहानियाँ प्रदर्शित की गई हैं।

सुविधाओं से युक्त आधुनिक परिसर
यह संग्रहालय दिव्यांगजन-अनुकूल है, जहाँ सेल्फी प्वाइंट, विश्राम क्षेत्र, और भगवान बिरसा मुंडा व गैंदसिंह जैसी विभूतियों की प्रतिमाएँ स्थापित की गई हैं। फर्श को पारंपरिक ट्राइबल आर्ट से सजाया गया है, जो आगंतुकों को छत्तीसगढ़ की संस्कृति से जोड़ेगा।

प्रधानमंत्री की जनजातीय गौरव के प्रति प्रतिबद्धता
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने भगवान बिरसा मुंडा की जयंती को “जनजातीय गौरव दिवस” के रूप में मनाने की परंपरा शुरू की थी। उनकी पहल पर पीएम जनमन योजना और प्रधानमंत्री धरती आबा ग्राम उत्कर्ष योजना जैसी योजनाएँ आदिवासी क्षेत्रों के सर्वांगीण विकास को गति दे रही हैं।

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छत्तीसगढ़ की रजत जयंती पर यह लोकार्पण केवल एक स्मारक का उद्घाटन नहीं, बल्कि इतिहास, संस्कृति और तकनीकी नवाचार का संगम है — जो आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनेगा।