सुशीला कार्की ने शपथ लीं, नेपाल की पहली महिला अंतरिम प्रधानमंत्री बनीं
नेपाल की राजनीति में एक नया अध्याय खुल गया है। शुक्रवार रात राजधानी काठमांडू स्थित शितल निवास में आयोजित समारोह में सुशीला कार्की ने अंतरिम प्रधानमंत्री पद की शपथ ली, राष्ट्रपति पौडेल ने दिलाई शपथ। इस तरह वे नेपाल की पहली महिला प्रधानमंत्री बनीं, जो इस पद पर अस्थायी रूप से सरकार की बागडोर संभालेंगी।
प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली के इस्तीफे और लगातार बढ़ते जनदबाव के बीच राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल, सेना प्रमुख और विभिन्न राजनीतिक दलों के बीच हुई बातचीत के बाद सुशीला कार्की के नाम पर सहमति बनी। रात 9 बजकर 25 मिनट पर उन्होंने शपथ लेकर पदभार ग्रहण किया।
सुशीला कार्की का जन्म 1952 में मोरंग जिले के बिराटनगर में हुआ था। उन्होंने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातकोत्तर और त्रिभुवन विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई की। न्यायपालिका से जुड़ने के बाद उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त फैसले दिए और 2016 से 2017 तक नेपाल की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश रहीं। न्याय की स्वतंत्रता और पारदर्शिता के लिए उनका नाम हमेशा याद किया जाता है।
अब प्रधानमंत्री के रूप में उनके सामने चुनौती है कि वे अस्थायी सरकार को स्थिर करें, जनता का विश्वास जीतें और नए आम चुनाव की नींव रखें। संसद पहले ही भंग की जा चुकी है और राजनीतिक अस्थिरता दूर करने की जिम्मेदारी अब उनके कंधों पर है।
भारत के लिए यह परिवर्तन भी अहम है। सुशीला कार्की ने अपनी शिक्षा का बड़ा हिस्सा भारत में लिया है। न्यायपालिका से आने के कारण वे रिश्तों में पारदर्शिता और आपसी सहयोग की दिशा में काम कर सकती हैं। सीमापार व्यापार, जल विवाद और भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाओं में सहयोग जैसे मुद्दों पर भारत को उम्मीद है कि कार्की का नेतृत्व नेपाल–भारत संबंधों को मजबूती देगा।
नेपाल की जनता इस समय बदलाव और स्थिरता चाहती है। सुशीला कार्की ने शपथ के साथ ही यह संकेत दिया है कि उनकी सरकार निष्पक्ष और पारदर्शी होगी। अब सबकी निगाहें इस पर टिकी हैं कि वे कितनी जल्दी व्यवस्था को पटरी पर ला पाती हैं और देश को अगले चुनाव तक कितनी मजबूती से ले जाती हैं।