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ऑपरेशन मानसून के तहत नक्सलियों के खिलाफ सुरक्षा बलों की मुहिम तेज

छत्तीसगढ़ में मानसून की शुरुआत होते ही बस्तर में नक्सलियों के खिलाफ ‘ऑपरेशन मानसून’ को गति दी गई है। इस अभियान के तहत सुरक्षा बलों को नक्सलियों पर भारी सफलता मिल रही है; कई नक्सली मारे गए हैं और कुछ ने आत्मसमर्पण कर दिया है। आमतौर पर, मानसून के दौरान जंगलों में ऑपरेशन रोक दिए जाते थे, जिससे नक्सलियों को गांवों में घुसकर नई भर्ती करने का मौका मिलता था।

हालांकि, इस बार सुरक्षा बल बारिश के बावजूद सक्रिय हैं। पिछले तीन-चार वर्षों में, मानसून के दौरान भी नक्सली गतिविधियों को सीमित करने के लिए लगातार ऑपरेशन चलाए जा रहे हैं। दंडकारण्य रेजिमेंट (DRG), विशेष टास्क फोर्स (STF) और अर्धसैनिक बलों की संयुक्त टीम लगातार जंगलों में गश्त कर रही है।

बस्तर आईजी का बयान

बस्तर के आईजी, सुंदरराज पी ने कहा कि पहले यह माना जाता था कि बारिश के कारण सुरक्षाबलों द्वारा ऑपरेशन नहीं चलाए जा सकते। लेकिन पिछले कुछ वर्षों में, मानसून के दौरान भी सुरक्षाबल सक्रिय हैं और सीमावर्ती इलाकों में ऑपरेशन जारी रखे गए हैं। इस बार के अभियान के लिए सुरक्षा बलों को विशेष प्रशिक्षण दिया गया है।

नक्सलियों की मूवमेंट पर नजर

आईजी ने यह भी बताया कि ऑपरेशन मानसून के तहत सुरक्षा बल नक्सलियों की मांद में घुसकर उन्हें पकड़ने के प्रयास में रहते हैं। मानसून के दौरान, नक्सली अपने ठिकाने बदलते हैं और सुरक्षा बल उनकी गतिविधियों पर नजर रख रहे हैं। इसके लिए मुखबिरों को सतर्क किया गया है और फोर्स नक्सलियों पर आक्रामक हमले भी कर रही है।

पिछले वर्षों में, ‘ऑपरेशन मानसून’ ने महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ हासिल की हैं। 2021 में 35 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया, जबकि 15 से अधिक नक्सली गिरफ्तार हुए। इसी प्रकार, 2022 में भी बस्तर पुलिस ने 40 से अधिक नक्सलियों को आत्मसमर्पण करने पर मजबूर किया और 20 से ज्यादा नक्सलियों को गिरफ्तार किया। DRG के जवानों ने कई नक्सलियों को भी मार गिराया। इस प्रकार, ‘ऑपरेशन मानसून’ छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खिलाफ एक मजबूत कदम साबित हो रहा है।

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