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मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने शिक्षा और मत्स्य पालन को छत्तीसगढ़ की सामाजिक व आर्थिक प्रगति का आधार बताया

रायपुर, 5 अक्टूबर 2025/ मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि शिक्षा के बिना जीवन अधूरा है। शिक्षा केवल नौकरी प्राप्त करने का साधन नहीं, बल्कि सफल जीवन का मार्ग है। सामाजिक विकास का मूलमंत्र शिक्षा है। चाहे जीवन जीने की कला हो, व्यापार, कृषि या कोई अन्य क्षेत्र — हर क्षेत्र में सफलता के लिए शिक्षा की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। वे राजधानी रायपुर स्थित बलबीर सिंह जुनेजा इनडोर स्टेडियम में आयोजित राष्ट्रीय मछुवारा जागरूकता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रारंभ से ही शिक्षा के क्षेत्र में निरंतर कार्य कर रही है। राज्य गठन के समय जहां केवल एक मेडिकल कॉलेज था, वहीं आज प्रदेश में लगभग 15 मेडिकल कॉलेज संचालित हो रहे हैं। इसके साथ ही आईआईटी, ट्रिपल-आईटी, आईआईएम, लॉ यूनिवर्सिटी, एम्स और सिपेट जैसे राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर के शैक्षणिक संस्थान छत्तीसगढ़ में स्थापित किए गए हैं, जिनसे स्थानीय विद्यार्थियों को लाभ मिल रहा है।

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उन्होंने बताया कि प्रदेश के प्रत्येक जिले में नालंदा परिसर का निर्माण कार्य जारी है, जिससे युवाओं को दिशा और अवसर दोनों प्राप्त होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज समाज को संगठित होने की आवश्यकता है, क्योंकि संगठित समाज से ही राष्ट्र मजबूत होता है। उन्होंने नशाखोरी को समाज के विकास में बाधक बताते हुए नशा मुक्ति का संकल्प लेने की अपील की।

मत्स्य पालन से सशक्त होगा ग्रामीण अर्थतंत्र

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार ने मत्स्य संपदा योजना प्रारंभ की, जो मछुआरों के जीवन स्तर को ऊंचा उठाने में क्रांतिकारी सिद्ध हुई है। इसी क्रम में छत्तीसगढ़ सरकार ने हाल ही में गंगरेल बांध ठेका प्रथा समाप्त कर डुबान क्षेत्रों के किसानों को मत्स्य पालन की अनुमति प्रदान की है।

उन्होंने बताया कि राज्य सरकार मछुआ समाज को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए निरंतर प्रयासरत है। मत्स्य पालन के क्षेत्र में अनेक योजनाएँ लागू की गई हैं। प्रदेश का पहला एक्वा पार्क हसदेव बांगो जलाशय में लगभग 37 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित किया जा रहा है। यह एक्वा पार्क मछली उत्पादन, प्रोसेसिंग, निर्यात और टूरिज़्म — इन चारों क्षेत्रों में नए अवसर सृजित करेगा।

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मुख्यमंत्री ने बताया कि वर्तमान में यहाँ 800 केजों में मत्स्य पालन किया जा रहा है, जिससे अनेक पंचायतों को सीधा लाभ मिल रहा है। उन्होंने इसे मछुआ भाइयों की आय बढ़ाने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने की दिशा में बड़ा कदम बताया। मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय मछुवारा संघ के पदाधिकारियों और देशभर से आए मछुआ भाइयों-बहनों को सम्मेलन की सफलता के लिए हार्दिक शुभकामनाएँ दीं।

निषाद समाज का गौरवशाली इतिहास

केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. राजभूषण चौधरी निषाद ने कहा कि निषाद समाज का गौरवशाली इतिहास और परंपरा रही है। इस धरोहर को नई पीढ़ी तक पहुँचाना आवश्यक है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सदैव निषाद समाज को अग्रणी स्थान दिया है। अयोध्या में प्रभु श्रीरामलला के भव्य मंदिर के साथ सरयू तट पर निषाद राज मंदिर का निर्माण कर समाज को सम्मान दिलाने का कार्य प्रधानमंत्री ने किया, जिसके लिए निषाद समाज सदैव उनका ऋणी रहेगा।

निषाद समाज का योगदान अनुकरणीय

उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि निषाद समाज अत्यंत मेहनतकश और परिश्रमी है। समाज की प्रगति में निषाद समुदाय का योगदान अनुकरणीय है। इस अवसर पर विधायक सुनील सोनी, छत्तीसगढ़ मछुआ कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष भरत मटियारा, सहित प्रदेश और अन्य राज्यों से आए समाज के पदाधिकारी एवं जनप्रतिनिधि बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

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