नागपुर में हिंसक झड़पों के बाद देवेंद्र फडणवीस ने इसे साजिश बताया, कड़ी कार्रवाई की चेतावनी
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने नागपुर में हुई हिंसक झड़पों को लेकर मंगलवार को विधानसभा में बयान दिया। फडणवीस ने पुलिस पर हमले को एक सोची-समझी साजिश करार दिया। मुख्यमंत्री ने कहा, “विश्व हिंदू परिषद (VHP) और बजरंग दल ने एक कब्र को हटाने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान एक प्रतीकात्मक कब्र जलायी गई, और अफवाह फैलाई गई कि उस पर धार्मिक संदेश लिखा गया था।”
नागपुर के चितनीस पार्क और महल क्षेत्र में सोमवार को हिंसा भड़क गई, जब एक अफवाह के बाद पुलिस पर पत्थर फेंके गए। यह अफवाह फैलाई गई थी कि एक धार्मिक ग्रंथ का अपमान हुआ है, जब एक दक्षिणपंथी संगठन ने छत्रपति संभाजीनगर जिले में औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग की थी।
देवेंद्र फडणवीस का बयान:
देवेंद्र फडणवीस ने कहा, “करीब 80 लोगों का एक समूह पत्थरबाजी में शामिल था। एक पुलिस अधिकारी पर कुल्हाड़ी से हमला किया गया और तीन डीसीपी अधिकारी भी घायल हुए। कुछ घरों को जानबूझकर निशाना बनाया गया और एक डीसीपी पर कुल्हाड़ी से हमला किया गया।”
अफवाहों का प्रभाव:
मुख्यमंत्री ने हिंसा के कारणों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि अफवाहों ने स्थिति को और बढ़ा दिया। उन्होंने कहा, “अफवाह फैलायी गई कि धार्मिक सामग्री वाले सामान को जलाया गया था। यह ऐसा लगता है जैसे यह एक सोची-समझी साजिश हो। किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने की अनुमति नहीं दी जा सकती।”
हिंसा के बाद पांच आपराधिक मामले दर्ज किए गए हैं, और 11 पुलिस थानों में निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है। साथ ही, पांच एसआरपीएफ (Special Reserve Police Force) यूनिट्स को तैनात किया गया है।
एखनाथ शिंदे की प्रतिक्रिया:
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भी इस घटना को एक “साजिश” बताया। उन्होंने कहा, “लोगों को दो समुदायों के बीच हिंसा भड़काने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। औरंगजेब को महिमामंडित नहीं किया जाना चाहिए।”
शिंदे ने कहा, “हिंसा में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, कोई भी बख्शा नहीं जाएगा। महाराष्ट्र में कोई भी औरंगजेब का समर्थन बर्दाश्त नहीं करेगा।”
यह घटनाक्रम राज्य की शांति और व्यवस्था को बनाए रखने के लिए एक चुनौती पेश करता है, और मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री ने कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है।