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लुत्ती बांध हादसे पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सख्त नाराजगी, बांध सुरक्षा पर दिए कड़े निर्देश

रायपुर, 04 सितंबर 2025/ मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बलरामपुर–रामानुजगंज जिले में लुत्ती बांध टूटने की घटना पर गहरी नाराज़गी व्यक्त की। उन्होंने कड़े शब्दों में कहा कि भविष्य में इस तरह की लापरवाही किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मुख्यमंत्री ने नाराज़गी जताते हुए कहा कि मैदानी अधिकारी और कर्मचारी नियमित रूप से फील्ड में निरीक्षण नहीं कर रहे हैं, जिसके कारण यह स्थिति बनी है। उन्होंने सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को सतत फील्ड में जाकर बांधों एवं अन्य संरचनाओं का लगातार निरीक्षण करने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने मंत्रालय महानदी भवन में जल संसाधन विभाग की गहन समीक्षा बैठक ली। उन्होंने सिंचाई परियोजनाओं के रखरखाव और मरम्मत पर विशेष ध्यान देने, सभी बांधों की जलभराव क्षमता की समीक्षा करने, वर्तमान सिंचाई स्थिति का आकलन करने तथा आगामी परियोजनाओं की प्रगति की निगरानी करने के निर्देश दिए। उन्होंने विशेष रूप से बांध सुरक्षा अधिनियम 2021 का कड़ाई से पालन करने और जिला प्रशासन के साथ प्रभावी समन्वय स्थापित करने पर जोर दिया।

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बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने लक्षित सिंचाई क्षमता और वास्तविक सिंचाई क्षमता के बीच के अंतर को कम करने के लिए ठोस कार्ययोजना तैयार करने को कहा। उन्होंने विशेषकर बस्तर और सरगुजा संभाग की अधूरी परियोजनाओं को शीघ्र पूरा करने और निर्माणाधीन वृहद परियोजनाओं को समय पर पूर्ण करने के निर्देश दिए, ताकि किसानों को योजनाओं का लाभ समय पर मिल सके।

जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने जानकारी दी कि वर्तमान में 04 वृहद परियोजनाएँ, 357 लघु परियोजनाएँ और 300 एनीकेट कार्यरत हैं। इसके अतिरिक्त 1036 जीर्णोद्धार कार्य भी चल रहे हैं। इस प्रकार कुल 1697 कार्य प्रगति पर हैं, जिन पर लगभग ₹8966 करोड़ की राशि व्यय की जा रही है।

इस बैठक में मुख्य सचिव अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव राहुल भगत, मुख्यमंत्री के संयुक्त सचिव रवि मित्तल, जल संसाधन विभाग के सचिव राजेश सुकुमार टोप्पो, प्रमुख अभियंता इंद्रजीत उईके तथा बस्तर, सरगुजा, बिलासपुर, रायपुर और दुर्ग मंडलों के मुख्य अभियंता सहित जल संसाधन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

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