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कोपरा जलाशय को रामसर स्थल का दर्जा दिलाने राज्य सरकार की बड़ी पहल

रायपुर, 21 नवम्बर 2025/ वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री केदार कश्यप के निर्देश पर राज्य सरकार ने बिलासपुर जिले के कोपरा जलाशय को प्रस्तावित रामसर स्थल घोषित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। प्राकृतिक और मानव निर्मित विशेषताओं का अनोखा मिश्रण होने के कारण यह जलाशय पूरे क्षेत्र के लिए जलसंसाधन, सिंचाई और जैव विविधता का प्रमुख केंद्र माना जाता है।

मंत्री कश्यप ने कहा कि कोपरा जलाशय को रामसर सूची में स्थान मिलने से इस पूरे इलाके को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलेगी। यह जलाशय मुख्य रूप से वर्षा जल और आसपास के छोटे नालों से भरता है। स्थानीय ग्रामीणों की पेयजल और घरेलू ज़रूरतों के साथ यह किसानों के लिए सिंचाई का प्रमुख स्रोत भी है। जलाशय के आसपास की ज़मीन अत्यंत उपजाऊ मानी जाती है, जिसकी वजह से कई गांवों और कस्बों की कृषि गतिविधियाँ इसी पर निर्भर रहती हैं।

यह इलाका जैव विविधता के मामले में भी बेहद समृद्ध है। सालभर यहां विभिन्न प्रजातियों के पक्षियों, जलचर जीवों और वनस्पतियों का प्राकृतिक आवास बना रहता है। खासतौर पर प्रवासी पक्षियों की बड़ी संख्या हर वर्ष इस जलाशय में दर्ज की जाती है। मछलियाँ, जलीय पौधे, उभयचर, सरीसृप और अनेक प्रकार के कीट-पतंगों की प्रचुरता इसे एक संतुलित वेटलैंड इकोसिस्टम बनाती है।

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राज्य वेटलैंड प्राधिकरण के अनुसार कोपरा जलाशय रिवर टर्न, कॉमन पोचार्ड और इजिप्शियन वल्चर जैसे दुर्लभ और महत्वपूर्ण पक्षियों के संरक्षण के लिए बेहद उपयुक्त स्थल है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह जलाशय रामसर मानदंड 02, 03 और 05 को पूरा करता है, जो इसकी पारिस्थितिक महत्ता को प्रमाणित करते हैं।

इसी पारिस्थितिक और सामाजिक महत्व को देखते हुए राज्य सरकार ने इसे रामसर स्थल घोषित करने के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा है। स्वीकृति मिलने पर कोपरा जलाशय को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संरक्षण मिलेगा और इसका वैज्ञानिक, पर्यटन और पर्यावरणीय महत्व और बढ़ेगा। सरकार इस क्षेत्र में पर्यावरण संरक्षण, जल संरक्षण, जैव विविधता संवर्धन और ग्रामीण आजीविका विकास से जुड़ी गतिविधियों को और सशक्त करने की योजना भी बना रही है, ताकि प्राकृतिक संसाधनों और स्थानीय आबादी के बीच संतुलन बनाए रखा जा सके।