जानिए क्या है खास छत्तीसगढ़ सरकार के बजट में
रायपुर, 8 फरवरी 2019/ छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री एवं वित मंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज विधानसभा में 2019-2020 का बजट प्रस्तुत किया।
किसान कल्याण
1- खेती और किसानी के काम को राज्य में लाभकारी आजीविका के रूप में विकसित कर किसानों की खुशहाली लौटाना हमारी सरकार का पहला संकल्प है। इसके लिए काम के साथ-साथ हमने विभाग के नाम को भी सही पहचान देने का प्रयास किया है। इसलिए कृषि एवं जैव प्रौद्योगिकी विभाग का नाम बदलकर कृषि विकास, किसान कल्याण और जैव प्रौद्योगिकी विभाग करने का हमने निर्णय लिया है। किसानों के कल्याण की योजनाओं के लिए इस वर्ष 21 हजार 597 करोड़ का कृषि बजट तैयार किया गया है जो गत वर्ष के कृषि बजट के डेढ़ गुना से भी अधिक है।
2. कर्जों के कुचक्र से किसानों को मुक्ति दिलाने हेतु ग्रामीण बैंक एवं सहकारी बैंकों से बांटे गये ऋण के साथ-साथ सार्वजनिक क्षेत्र के व्यवसायिक बैंकों द्वारा बांटे गये लगभग 4 हजार करोड़ के अल्पकालीन कृषि ऋण को भी माफ करने का निर्णय लिया गया है। इस प्रकार अब तक लगभग 10 हजार करोड़ के अल्पकालीन कृषि ऋण की माफी से प्रदेश के लगभग 20 लाख किसानों को लाभ मिलेगा। इसमें लगभग 4 लाख ऐसे ऋणी किसान भी लाभांवित होंगे जो बकाया धन चुकता न कर पाने के कारण बैंकों से ऋण नहीं ले पा रहे थे और निजी साहूकार एवं सूदखोरों से कर्ज लेने के लिए विवश थे। ऐसे किसान अब राज्य शासन की शून्य प्रतिशत ब्याज ऋण योजना में पुनः ग्रामीण अथवा सहकारी बैंकों से ऋण प्राप्त कर सकेंगे। कृषि ऋण की माफी के लिए बजट में 5 हजार करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है।
3. कृषि ऋण की माफी के साथ-साथ किसानों को राहत देने के लिए 207 करोड़ का बकाया सिंचाई कर भी माफ करने का सरकार ने निर्णय लिया है जिससे 15 लाख किसानों को प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा।
4. खरीफ 2019 के लिए राज्य में 85 लाख टन धान खरीदी का अनुमान है। कृषकों से धान की खरीदी 2500 रू. प्रति क्विंटल की दर से की जायेगी। इसके लिए 5 हजार करोड़ का बजट में प्रावधान है। प्रदेश के 17 लाख से भी अधिक किसानों को इसका सीधा लाभ मिलेगा।
6. खरीफ 2017 में लगभग 12 लाख किसानों को प्रोत्साहन राशि सहित न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन हेतु 10 हजार 597 करोड़ का भुगतान किया गया था जबकि खरीफ 2018 के लिए भी 15 लाख 53 हजार किसानों को 19 हजार 733 करोड़ का भुगतान किया जा रहा है। इस प्रकार खरीफ 2017 की तुलना में खरीफ 2018 में लगभग दुगुनी राशि का भुगतान किसानों को मिल रहा है।
7. सोयाबीन उत्पादन पर कृषकों को प्रोत्साहन देने के लिए 10 करोड़ एवं गन्ना बोनस के लिए 50 करोड़ का प्रावधान है।
8. समर्थन मूल्य पर दलहन एवं तिलहन की भी खरीदी करने के लिए नवीन मद में 7 करोड़ 12 लाख का प्रावधान किया गया है।
9. वर्तमान में 26 जिलों में 257 उपार्जन केन्द्रों पर मक्का की खरीदी 1700 रू.के दर से की जा रही है। मक्का खरीदी की व्यवस्था को और पुख्ता किया जायेगा।
10. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में 316 करोड़, एकीकृत बागवानी विकास मिशन में 205 करोड़, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना में 359 करोड़, टार्गेटेड राइस फैलो एरिया में 95 करोड़, कृषक समग्र विकास योजना में 77 करोड़ एवं राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन में 120 करोड़ का बजट प्रावधान है।
11. एकीकृत वाटरशेड प्रबंधन के लिए 200 करोड़, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में 74 करोड़ तथा माईक्रो माईनर सिंचाई योजना में 25 करोड़ का प्रावधान है।
12. 5 एचपी तक के कृषि पम्पों को निःशुल्क विद्युत प्रदाय हेतु 2 हजार 164 करोड़ का बजट है। नये कृषि पम्पों के ऊर्जीकरण हेतु 100 करोड़ का प्रावधान है।
13. सौर ऊर्जा के सहयोग से सिंचाई हेतु 20 हजार नये सोलर पम्पों की स्थापना हेतु 467 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
14. नवीन सिंचाई परियोजनाओं के लिए 300 करोड़, महानदी-परियोजना के लिए 216 करोड़, अरपा-भैसाझार परियोजना के लिए 127 करोड़, लघु-सिंचाई परियोजनाओं के निर्माण हेतु 524 करोड़ एवं कमाण्ड-क्षेत्र में सिंचाई की पूर्ति हेतु 116 करोड़ का बजट प्रावधान है।
15. ग्राम मर्रा, जिला दुर्ग एवं साजा, जिला बेमेतरा मेें नवीन कृषि महाविद्यालय की स्थापना हेतु 1 करोड़ का प्रावधान है।
16. उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण को बढ़ावा देने के लिए नवीन विश्वविद्यालय की स्थापना की जायेगी। इसका डीपीआर तैयार करने के लिए बजट में प्रावधान किया गया है।
17. पशुपालन के माध्यम से आय वृद्धि हेतु डेयरी उद्यमिता विकास योजना में 15 करोड़ 12 लाख, मुर्गी पालन हेतु 21 करोड़, बकरी पालन हेतु 4 करोड़ 34 लाख तथा सूकर पालन हेतु 4 करोड़ 49 लाख के बजट का प्रावधान है।
18. 20 नवीन पशु औषधालय की स्थापना एवं महासमुंद, जगदलपुर एवं सूरजपुर में रिजनल फर्स्ट-एड टेªेनिंग सेंटर फॉर एनिमल हेल्थ की स्थापना हेतु 2 करोड़ का नवीन मद में प्रावधान है।
ग्राम विकास एवं ग्रामीण आजीविका
19. ग्रामों को, मूलभूत सुविधाओं से युक्त स्वच्छ, सुन्दर, सुघड़ एवं ग्रामवासियों को उनकी क्षमता और अभिरूचि के अनुरूप आजीविका के अवसर देने वाले ग्रामों के रूप में विकसित करना हमारी सरकार की परिकल्पना है।
20. इस परिकल्पना को साकार करने के लिए प्रत्येक ग्राम की मूलभूत जानकारी का संकलन कर विकास का आगामी रोडमैप तैयार किया जायेगा। ग्राम की मूलभूत जानकारी होने से स्थानीय आवश्यकता के अनुरूप योजना तैयार करने में सुगमता होगी। अतः सर्वप्रथम प्रत्येक ग्राम का सर्वे कर जानकारी एकत्र करने के लिए नवीन मद में 97 लाख का प्रावधान किया गया है।
21. ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ बनाने हेतु हमारी सरकार द्वारा सुराजी गांव योजना शुरु की जायेगी। छत्तीसगढ़ के चार चिन्हारी, नरवा, गरुवा, घुरुवा, बाड़ी, एला बचाना है संगवारी का नारा हमने दिया है। अब नरवा, गरुवा, घुरुवा, बाड़ी के संरक्षण हेतु हर गांव में विभिन्न योजनाओं के अभिसरण से काम शुरू किया जायेगा।
नरवा: प्रत्येक गांव में जल स्रोतों, नालों के उद्गम स्थल से शुरुआत करते हुए जल संचयन एवं संवर्धन हेतु आवश्यकतानुसार कच्ची पक्की संरचनाओं का निर्माण वैज्ञानिक पद्धति से किया जायेगा। गांव के तालाबों को सोलर पम्प एवं पाइपलाइन से भरा जायेगा। वर्तमान नदी-नालों एवं तालाबों का संधारण, जीर्णाेद्धार एवं गाद हटाने की कार्यवाही की जायेगी। इससे भूगर्भ-जल के स्तर में वृद्धि होकर जल स्रोतों में बारहमासी पानी का बहाव होगा तथा दो फसलों के उत्पादन में मदद मिलेगी।
गरुवा: हर गांव में 3 एकड़ भूमि का चयन कर पशुओं के लिए गौठान बनाया जायेगा। गौठान में पशुओं के बैठने के लिए प्लेटफार्म एवं शेड का निर्माण, पीने के पानी की व्यवस्था तथा दुग्ध संग्रहण केन्द्र बनाये जायेेंगे। गौठानों मंे कृत्रिम गर्भाधान, टीकाकरण एवं बधियाकरण की सुविधाएं दी जाएंगी। इससे दुधारू पशुओं की नस्ल में सुधार एवं दूध के उत्पादन में वृद्धि होगी।
घुरुवा: गौठान में सामुदायिक आधार पर बायोगैस प्लांट, कम्पोस्ट इकाईयां एवं चारा विकास केन्द्र बनाये जायेंगे। इससे कम लागत में अधिक फसल उत्पादन व ऊर्जा उत्पादन का लाभ मिलेगा।
बाड़ी: हर घर मंे उद्यानिकी फसलों तथा सब्जियों के उत्पादन के लिए बाड़ी को प्रोत्साहित किया जायेगा। नदी-नालों के किनारे भी फलदार वृक्षों का रोपण किया जायेगा। इससे ग्रामीणों को पोषण आहार के अलावा नगद आमदनी में वृद्धि का भी लाभ मिलेगा।
22. गोबर गैस प्लान्ट एवं कम्पोस्ट इकाईयों के निर्माण, संधारण एवं संचालन हेतु प्रशिक्षण मॉड्यूल तैयार किया जाकर प्रत्येक ग्राम से 10 युवाओं को प्रशिक्षित किया जायेगा। उक्त कार्य के लिए कौशल विकास योजना के अंतर्गत प्रशिक्षण मद में उपलब्ध राशि का उपयोग किया जायेगा। प्रशिक्षण उपरांत लगभग 2 लाख युवाओं को इस क्षेत्र में रोजगार प्राप्त हो सकेगा।
23. भूमिहीन मजदूरों एवं लघु सीमांत कृषकों को रोजगार देने के साथ-साथ नरवा, गरुवा, घुरुवा, बाड़ी के संरक्षण के लिए विभिन्न विभागों की योजनाओं का मनरेगा से अभिसरण करके ग्रामीण अर्थव्यवस्था को समृद्ध करने का कार्य किया जायेगा। इसके लिए मनरेगा योजना में राज्य बजट से 1 हजार 542 करोड़ का प्रावधान है।
24. अल्प शिक्षित ग्रामीणों सहित सभी युवाओं को रोजगार कौशल से प्रशिक्षित करने हेतु कौशल विकास योजनाओं में 135 करोड़ 50 लाख का प्रावधान है।
25. ग्रामीण महिलाओं को स्व-सहायता समूहों के रूप में संगठित कर रोजगार दिलाने के लिए राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन में 306 करोड़ का प्रावधान है।
26. ग्राम पंचायतों में मूलभूत कार्यों हेतु अनुदान के लिए 210 करोड़ तथा मुख्यमंत्री समग्र ग्रामीण विकास योजना में 200 करोड़ का प्रावधान है।
27. बीपीएल ग्रामीण परिवारों को स्वच्छ पेयजल के लिए निःशुल्क घरेलू कनेक्शन देने हेतु नवीन मिनीमाता अमृत नल-जल योजना में 10 करोड़ का प्रावधान है।
28. ग्रामीण बसाहटों को बारह-मासी सड़कों से जोड़ने के लिए प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में 1 हजार 565 करोड़ और मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना में 238 करोड़ का प्रावधान है।
29. ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता एवं सूखा-गीला कचरा निकासी एवं प्रबंधन की योजनाओं के लिए स्वच्छ भारत अभियान में 450 करोड़ का प्रावधान है।
30. आवासहीन ग्रामीण परिवारों के आवास के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण में 1 हजार 723 करोड़ का प्रावधान है।
खाद्य-पोषण तथा महिला एवं बाल विकास
31. कुपोषण से मुक्ति एवं खाद्यान्न सुरक्षा प्रदाय करने के लिए हमारी सरकार ने गरीब परिवारों को प्रति राशन कार्ड 35 किलो चावल वितरित करने का निर्णय लिया है। इसके लिए मुख्यमंत्री खाद्यान्न सुरक्षा योजना में 4 हजार करोड़ का बजट प्रावधान है।
32. बच्चों में कुपोषण की दर में कमी लाने के लिए एकीकृत बाल विकास योजना एवं पूरक पोषण आहार योजना में 1 हजार 340 करोड़ का प्रावधान है।
33. किशोरी बालिकाओं के पोषण एवं लाईफ-स्किल ज्ञान के लिए 37 करोड़ एवं गर्भवती माताओं के पोषण आहार हेतु महतारी जतन योजना में 24 करोड़ का प्रावधान है।
34. आंगनबाड़ी को नर्सरी के रूप में विकसित कर बच्चों को प्रारंभिक शिक्षा ज्ञान देने के लिए ई.सी.सी.ई. योजना में 15 करोड़ का बजट प्रावधान है।
35. मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में प्रदाय अनुदान राशि को 15 हजार से बढ़ाकर 25 हजार करने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए बजट में 19 करोड़ का प्रावधान रखा गया है।
36. कामकाजी महिलाओं को कार्यस्थल पर सुरक्षित आवास सुविधा उपलब्ध कराने के लिए प्रत्येक संभाग में एक कामकाजी महिला आवास गृह बनाने का प्रस्ताव है। इसके लिए बजट में 6 करोड़ 75 लाख का प्रावधान है।
शिक्षा एवं समाज कल्याण
37. प्रदेश में नये शैक्षणिक संस्थान खोलने एवं शैक्षणिक अधोसंरचना निर्माण करने के साथ-साथ शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए नये कदम उठाये जायेंगे। शिक्षा गुणवत्ता के स्तर में सुधार के लिए मॉनिटरिग कार्य में संलग्न अमले की री-इंजीनियरिंग किया जाकर इसे और प्रभावी बनाया जायेगा।
38. 25 हाई-स्कूलों को हायर-सेकेन्डरी स्कूलों में तथा 25 पूर्व माध्यमिक शालाओं का हाई-स्कूल में उन्नयन किया जायेगा।
39. 40 प्राथमिक शाला, 25 पूर्व माध्यमिक शाला तथा 100 हाई-स्कूल एवं 50 हायर-सेकेन्डरी स्कूल भवनों का निर्माण किया जायेगा। इन कामों के लिए बजट में 34 करोड़ 50 लाख का प्रावधान किया गया है।
40. अनुसूचित जनजाति वर्ग के बच्चों के लिए लम्बे समय से निर्माणाधीन एवं अपूर्ण आश्रम एवं छात्रावास के भवनों का निर्माण कार्य शीघ्र पूर्ण किया जायेगा। इसके लिए 50 करोड़ की अतिरिक्त राशि का प्रावधान किया गया है।
41. प्री-मैट्रिक छात्रावास आश्रमों के लिए शिष्यवृत्ति की दर एवं पोस्ट-मैट्रिक छात्रावासों के लिए छात्र भोजन सहायता की दर में वृद्धि की जायेगी। इसके लिए बजट में 27 करोड़ 57 लाख का अतिरिक्त प्रावधान रखा गया है।
42. अनुसूचित जनजाति एवं अनुसूचित जाति वर्ग के बालिका छात्रावासों में सुरक्षा के लिए 75 महिला गार्ड रूम, 62 अधीक्षिका आवास गृह, 75 टॉयलेट एवं 25 बाउंड्री वॉल का निर्माण किया जायेगा। इसके लिए 13 करोड़ 39 लाख का बजट में प्रावधान किया गया है।
43. जिला बालोद में महिला महाविद्यालय की स्थापना की जायेगी। 25 महाविद्यालयों में नवीन संकाय एवं 25 महाविद्यालयों में स्नात्कोत्तर पाठ्यक्रम प्रारंभ किये जायेंगे। इसके लिए बजट में 10 करोड़ का प्रावधान रखा गया है।
44. महाविद्यालयों में पढ़ने वालेे विद्यार्थियों एवं बेरोजगार अभ्यर्थियों के हितों को देखते हुए हमने महाविद्यालयों में 27 विषयों में रिक्त सहायक प्राध्यापकों के 1 हजार 384 पदों पर भर्ती करने का फैसला किया है। भर्ती हेतु विज्ञापन प्रसारित कर अभ्यर्थियों से आवेदन पत्र भी प्राप्त किये जा चुके हैं।
45. राज्य शासन में होने वाली भर्ती प्रक्रियाओं में राज्य के मूल निवासियों को 5 वर्ष की आयु सीमा में छूट को आगामी 5 वर्ष के लिए बढ़ाया गया है।
46. खेल-कूद में खिलाड़ियों की पहचान एवं प्रतिभा निखारने के लिए प्रत्येक संभाग में 11 प्रशिक्षकों के मान से 55 खेल प्रशिक्षकों के पद स्वीकृत किये जायेंगे।
47. विकासखण्ड बतौली, जिला सरगुजा तथा विकासखण्ड दुलदुला एवं मनोरा, जिला जशपुर में नवीन आईटीआई खोले जायेंगे।
48. 33 पुराने आईटीआई में नवीन टेªड की पढ़ाई शुरू की जायेगी।
49. पांच लाईवलीहुड कॉलेज में कन्या छात्रावास का निर्माण किया जायेगा।
50. दिव्यांगजनों को विवाह के लिए दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि 50 हजार से बढ़ाकर 1 लाख की जायेगी।
51. बौद्धिक मंदता के कारण मानसिक रूप से निःशक्त 18 वर्ष से अधिक आयु वाले लोगों को आजीवन आश्रय एवं सुधारात्मक उपचार की सुविधा हेतु बालोद जिले में घरौंदा केन्द्र की स्थापना की जायेगी।
52. जिला रायपुर एवं बालोद में निःशक्तजन पुनर्वास केन्द्र की स्थापना की जायेगी।
53. नशापान की कुरीति को समाप्त करने के लिए नयी योजना प्रारंभ की जायेगी। इसके तहत जन जागरण अभियान चलाकर नशाबंदी के लिए सर्व सहमति का वातावरण बनाया जायेगा।
54. मदिरा की अवैध बिक्री की रोकथाम हेतु सरगुजा एवं दुर्ग में नवीन संभागीय उड़नदस्तों का गठन किया जायेगा।
स्वास्थ्य सुविधाएं
55. स्वास्थ्य के क्षेत्र में संचालित योजनाओं एवं अस्पतालों की व्यवस्था का हमने परीक्षण किया है। हमारा मानना है कि प्रदेश में वर्तमान में लागू स्वास्थ्य योजनाओं के प्रावधान एवं परिणाम संतोषप्रद नहीं है। यूनिवर्सल हेल्थ केयर की अवधारणा के अनुरूप आगामी वर्ष से बेहतर व्यवस्था वाली स्वास्थ्य योजनाओं को लागू किया जायेगा। स्वास्थ्य के क्षेत्र में सरकार की प्राथमिकता अधोसंरचना निर्माण से आगे बढ़ते हुए गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करना है। शासकीय अस्पतालों में साफ-स्वच्छ वातावरण, चिकित्सकों, नर्सों एवं पैरामेडिक कर्मचारियों की उपलब्धता तथा मल्टीस्पेश्लिटी उपचार की व्यवस्था आम जनता को सुलभ कराने का प्रयास किया जायेगा।
56. राज्य के सिविल अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में सफाई व्यवस्था हेतु 15 करोड़ की अतिरिक्त राशि का बजट में प्रावधान किया गया है।
57. प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में 24 घंटे चिकित्सा सुविधा हेतु स्टॉफ नर्सों के 242 पदों, तथा 100 बिस्तर नवीन जिला चिकित्सालय सरगुजा की स्थापना हेतु 135 पदों के सृजन के लिए बजट में कुल 7 करोड़ 26 लाख का प्रावधान है।
58. 5 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, 10 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, 25 उपस्वास्थ्य केन्द्र तथा जिला चिकित्सालय गरियाबंद के 100 बिस्तर अस्पताल के भवनों का निर्माण किया जायेगा। इसके लिए बजट मंे 6 करोड़ 10 लाख का प्रावधान है।
59. चिकित्सा महाविद्यालय बिलासपुर एवं जगदलपुर में मल्टी सुपरस्पेश्लिटी चिकित्सालय की स्थापना की जायेगी। इसके लिए बजट में 22 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
60. जिला चिकित्सालय जगदलपुर एवं रायगढ़ में ट्रॉमा यूनिट एवं बिलासपुर में बर्न यूनिट की स्थापना की जायेगी। इसके लिए 6 करोड़ 80 लाख का प्रावधान बजट में किया गया है।
61. चिकित्सा महाविद्यालय रायपुर में 25 पीजी सीट का उन्नयन किया जायेगा। इसका लाभ स्नात्कोत्तर करने के इच्छुक चिकित्सकों को मिलेगा तथा प्रदेश में विशेषज्ञ चिकित्सकों की उपलब्धता में वृद्धि होगी।
अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण
62. असमानता को खत्म कर समावेशी विकास की अवधारणा हमारी सरकार का मूल मंत्र है। प्रदेश के अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के लोगों का राज्य के नैसर्गिक संसाधनों एवं विकास के लाभ में बराबरी का हक है।
63. अनुसूचित जनजाति उपयोजना के लिए 15 हजार 989 करोड़ एवं अनुसूचित जाति उपयोजना के लिए 5 हजार 485 करोड़ का बजट में प्रावधान रखा गया है।
64. जमीन और जंगल ही हमारे आदिवासी भाईयों की पहचान है। ये दोनों ही एक दूसरे के पूरक हैं। जमीन और जंगल हमारे आदिवासी भाईयों के अन्नदाता हैं तो आदिवासी भाई जमीन और जंगल के सबसे बड़े संरक्षक और जन्मदाता हैं। लोहांडीगुड़ा क्षेत्र की टाटा द्वारा अधिग्रहीत आदिवासियों की 1 हजार 764 हेक्टेयर जमीन उन्हें वापस लौटाकर हमने उनके अधिकारों का संरक्षण किया है।
65. सरकार ने वन भूमि का अधिकार पत्र देने का कानून बनाया है। वन भूमि पर अपना हक पाने के लिए लाखों आदिवासियों ने आवेदन दिया था जो पूर्व में विभिन्न कारणों से निरस्त कर दिये गये थे। निरस्त आवेदन पत्रों की समीक्षा करने के बाद हमने अधिनियम के प्रावधानों को ज्यादा प्रभावी ढंग से लागू करने का निश्चय किया है। इसलिए सभी निरस्त वन अधिकार पत्रों की पुनः जांच करने का हमने निर्णय लिया है।
66. वनवासी ग्रामीणों की आजीविका का बड़ा हिस्सा लघु वनोपजों के संग्रहण पर आधारित है। इसीलिए हमारी सरकार ने तेंदू पत्ता संग्रहण का पारिश्रमिक भी 2500 से बढ़ाकर 4000 रू. प्रति बोरा करने का निर्णय लिया है।
67. लघु वनोपज संघ के द्वारा वर्तमान में साल बीज, हर्रा, इमली, चिरौंजी, महुआ बीज, कुसमी लाख एवं रंगीनी लाख का संग्रहण न्यूनतम समर्थन मूल्य पर किया जाता है। इन 7 वनोपज के अतिरिक्त अब कुलु गोंद, नागर मोथा, शहद, बेहड़ा, बेल का गूदा, कालमेघ, फूलझाड़ू तथा पुवाड़ बीज सहित कुल 15 वनोपजों का संग्रहण अब समर्थन मूल्य पर किया जायेगा।
68. हमारी सरकार की मंशा आदिवासी भाईयों को केवल सरकारी योजनाओं का पैकेज देकर विकास करने तक सीमित नहीं है बल्कि हम तो इन्हें स्वयं के लिए निर्णय लेने का अधिकार देना चाहते हैं। इस परिकल्पना को साकार करने के लिए हमने बस्तर एवं सरगुजा विकास प्राधिकरण की अध्यक्षता का काम हमारे स्थानीय आदिवासी विधायकों को सौंपने का निर्णय लिया है।
पेयजल
69. हमारी सरकार की प्राथमिकता नगरीय एवं ग्रामीण दोनों ही क्षेत्रों में गुणवत्तायुक्त स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने की रहेगी।
70. नगरीय क्षेत्रों में प्रदाय पेयजल की गुणवत्ता परीक्षण के लिए सभी संभागों में प्रयोगशाला स्थापित की जायेगी। इसके लिए बजट में 11 करोड़ का प्रावधान किया गया है। नवीन नगरीय जल प्रदाय योजना में 78 करोड़ 40 लाख तथा नवीन नगरीय आवर्धन जल प्रदाय योजना में 50 करोड़ 94 लाख का प्रावधान है।
71. ग्रामीण पेयजल व्यवस्था हेतु राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम में 180 करोड़, पाईप द्वारा जल प्रदाय योजना में 185 करोड़ तथा ग्रामों में पेयजल प्रदाय योजना में 65 करोड़ 50 लाख का बजट प्रावधान किया गया है।
72. ग्रामीण क्षेत्रों में बीपीएल उपभोक्ताओं केा निःशुल्क घरेलू जल कनेक्शन देने के लिए मिनीमाता अमृत नल-जल योजना शुरू की जायेगी। योजना के तहत 5 लाख 30 हजार ग्रामीण बीपीएल परिवारों को घरेलू कनेक्शन देने का लक्ष्य हैं। इसके लिए बजट में 10 करोड़ का प्रावधान है।
73. मेला, प्रदर्शनी इत्यादि स्थलों पर शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए रायपुर, बिलासपुर एवं बस्तर संभाग के लिए मुख्यमंत्री चलित संयंत्र पेयजल योजना, तथा साजा, जिला दुर्ग में विभागीय वाटर फिल्टर प्लांट के माध्यम से पैकेज्ड पेयजल वितरण के लिए राजीव गांधी सर्वजल योजना शुरू की जायेगी। इनके लिए क्रमशः 5 करोड़ एवं 2 करोड़ का प्रावधान है।
74. नाबार्ड पोषित योजना के तहत गिरौदपुरी, जिला-बलौदाबाजार के लिए गिरौदपुरी सामूहिक नल-जल योजना प्रस्तावित है। इसके लिए बजट में 5 करोड़ का प्रावधान है।
75. पानी के कारण ग्राम सुपेबेड़ा जिला-गरियाबंद के ग्रामीणों को होने वाली बीमारी से रोकथाम हेतु सुपेबेड़ा जल प्रदाय योजना शुरु की जायेगी। इसके लिए बजट में 2 करोड़ का प्रावधान है।
ऊर्जा तथा नगरीय प्रशासन विकास
76. घरेलू उपभोक्ताओं को बिजली बिल मे राहत देने का निर्णय लिया गया है। इसके तहत विद्युत देयकों में 400 यूनिट तक विद्युत व्यय भार पर आधी छूट का लाभ सभी घरेलू उपभोक्ताओं को दिया जायेगा। इसके लिए ऊर्जा विभाग के बजट में 400 करोड़ का नवीन मद में प्रावधान किया गया है।
77. औद्योगिक क्षेत्रों में विद्युत आपूर्ति में व्यवधान की स्थिति में आटोमेटिक रि-स्टोरेशन की आवश्यकता को देखते हुए रायपुर, दुर्ग-भिलाई और बिलासपुर औद्योगिक क्षेत्रों में 50 करोड़ की लागत से स्काडा की स्थापना हेतु नवीन मद में 5 करोड़ का प्रावधान है।
78. चार शहरों में स्मार्ट मीटर की स्थापना के लिए 33 करोड़ का बजट रखा गया है।
79. पर्यावरण, वन और जलवायु मंत्रालय के नये मापदंडों के अनुपालन में हसदेव ताप विद्युत संयंत्र की चारों इकाईयों में फ्ल्यू गैस डीसल्फराईजेशन संयंत्र की स्थापना हेतु इक्विटी की राशि के लिए 95 करोड़ 40 लाख का प्रावधान है।
80. नगरीय क्षेत्रों में अधोसंरचना विकास कार्यों हेतु 371 करोड़, सबके लिए आवास योजना हेतु 595 करोड़, स्मार्ट सिटी योजना के लिए 396 करोड़ एवं अमृत मिशन योजना के लिए 231 करोड़ का प्रावधान है।
अधोसंरचना विकास
81. उत्कृष्ट अधोसंरचना के अभाव में प्रदेश के समग्र विकास एवं आर्थिक समृद्धि की कल्पना करना भी अधूरा है। सूदूर अंचल के ग्रामों तक पीडीएस का चावल और पोलियो का टीका पहुंचाने के लिए यदि सड़कों की आवश्यकता है तो वृहद स्तर पर कच्चे माल अथवा तैयार उत्पादों के परिवहन हेतु रेल मार्गों का होना भी आवश्यक है।
82. लोक निर्माण विभाग द्वारा एडीबी फेस-3 परियोजना के तहत इस वर्ष 3 हजार 500 करोड़ लागत की 35 नवीन सड़कों के कार्य हेतु 300 करोड़ का बजट में प्रावधान है।
83. प्रदेश के सभी नदियों और नालों पर पुल निर्माण की नवीन योजना जवाहर सेतु योजना के लिए 100 करोड़ का प्रावधान है। इससे 438 करोड़ के 102 पुलों का निर्माण प्रारंभ किया जायेगा।
84. इसके अतिरिक्त नवीन कार्यों के लिए 400 करोड़ का नवीन मद में प्रावधान है। इनमें 1 हजार 58 कि.मी. लंबाई की 261 ग्रामीण सड़कें, 351 कि.मी. लंबाई के 30 मुख्य जिला मार्ग, 97 कि.मी. लंबाई के 7 राज्य मार्ग एवं 73 कि.मी. लंबाई के शहरी मार्गों का निर्माण प्रस्तावित हैं।
85. परिवहन नेटवर्क (रेल मार्ग) योजना के लिए 317 करोड़ का प्रावधान है। साथ ही 19 करोड़ की लागत के 2 रेलवे ओवर ब्रिज निर्माण के लिए भी प्रावधान किया गया है।
86. 11 औद्योगिक क्षेत्रों की अधोसंरचना उन्नयन कार्य हेतु 20 करोड़ एवं दुर्ग, सरगुजा एवं जगदलपुर में उद्यमिता विकास संस्थान की स्थापना के लिए 03 करोड़ का नवीन मद में प्रावधान है। इसके अतिरिक्त औद्योगिक इकाईयों को लागत पूंजी अनुदान हेतु 75 करोड़, ब्याज अनुदान हेतु 38 करोड़ तथा स्टार्ट-अप इकाईयों को प्रोत्साहित करने के लिए 5 करोड़ का प्रावधान है।
87. राज्य के स्थानीय उद्योगों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से जेम के माध्यम से शासकीय खरीदी को समाप्त कर सी.एस.आई.डी.सी. के माध्यम से पंजीकृत स्थानीय इकाईयों से क्रय करने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए राज्य का पोर्टल विकसित किया जायेगा।
88. प्रदेश में खनन गतिविधियों एवं औद्योगिकीकरण का वन क्षेत्रों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। प्रतिवर्ष इसकी प्रतिपूर्ति के लिए वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित होते हैं, किन्तु रोपित पौधों की आयु छोटी होने के कारण एवं देखरेख के अभाव में पौधों के जीवित बच पाने का प्रतिशत बहुत कम होता है। इस समस्या से निपटने तथा वृक्षों के प्रभावी संरक्षण के लिए वन विभाग की नर्सरी में बड़े पौधे तैयार करने के लिए 20 करोड़ प्रावधान किया गया है।
प्रशासन एवं कानून व्यवस्था
89. प्रदेश में कानून-व्यवस्था को कायम रखते हुए नागरिकों को शांतिपूर्ण जीवन-यापन का अवसर प्रदान करने में पुलिस एवं प्रशासन की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। सरकार लाख नीतियां बनाये या बजट में प्रावधान कर ले लेकिन प्रशासनिक व्यवस्था यदि उन नीतियों को सही समय पर और सही तरीके से लागू न करे तो सब अनुपयोगी साबित हो जाता है। हमारी सरकार न केवल नीति बनाना जानती है बल्कि उनका पालन करवाने में भी सक्षम है।
90. हमने लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत नागरिकों को दी जाने वाली सेवाएं समय सीमा में उपलब्ध कराने के लिए सख्त निर्देश दिये हैं ताकि जनता को छोटे-मोटे कामों के लिए इधर-उधर भटकना न पड़े।
91. सुशासन को मूर्त रूप देने के लिए नागरिकों को घर पहंुच सरकारी सेवा की सुविधा प्रारंभ की जायेगी। लोक सेवा केन्द्रों के माध्यम से हितग्राहियों से.