मैं कुछ ही महीनों या साल दो साल में मर सकता हूँ : अभिनेता इरफ़ान खान

फ़िल्म अभिनेता इरफान खान इस समय कैंसर से जूझ रहे हैं और अपना इलाज लंदन में करा रहे हैं। इरफान को न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर हुआ है जो एक दुर्लभ कैंसर है। इरफान ने हाल में मीडिया को दिए गए इंटरव्यू में बताया कि कैंसर के इलाज के साथ किस तरह जिंदगी को देखने के उनके नजरिए में अंतर आया है। उन्होंने बताया कि अब उन्हें समझ में आ गया है कि हर व्यक्ति की जिंदगी कितनी अनिश्चित है।
इरफान ने अपनी बीमारी और इलाज के बारे में कहा, ‘मैंने जिंदगी को एकदम अलग नजरिए से देखा है। जिंदगी में आपके सामने कई चैलेंज आते हैं लेकिन अब मुझे लगता है कि यह मेरे लिए एक कठिन परीक्षा का समय है। इस समय मैं एक अलग अवस्था में हूं। शुरू में मुझे अपनी बीमारी के बारे में जानकर बहुत झटका लगा था लेकिन अब मैं खुद को ज्यादा ताकतवर, ज्यादा प्रॉडक्टिव और स्वस्थ महसूस कर रहा हूं।’
उन्होंने कहा, ‘पहले लोगों को लग रहा था कि मैं इस बीमारी से बाहर निकल भी पाऊंगा या नहीं क्योंकि कुछ भी मेरे हाथ में नहीं है। जिंदगी को जो मंजूर होगा वही होगा लेकिन जो कुछ भी मेरे हाथ में है, मैं उसे तो संभाल ही सकता हूं और जिंदगी ने मुझे इतना सब कुछ दिया है कि उसके प्रति कृतज्ञ होना चाहिए।’ इरफान ने कहा, ‘इलाज के दौरान मेरा जिंदगी के प्रति नजरिया बदला है। मैं अब ऐसी स्थिति में हूं कि अगर मैं 30 साल तक मेडिटेशन भी करता तो यहां नहीं पहुंच पाता।
एसोसिएटेड प्रेस को दिए एक विस्तृत इंटरव्यू में इरफान खान ने अपनी बीमारी से जुड़ी कई बातें शेयर की हैं। इरफान ने बताया कि ‘मैं कीमो साइकिल के चौथे चरण में हूं, कुल 6 चरण होने हैं और उसके बाद स्कैन किया जाएगा। कीमो साइकिल के तीसरे चरण के बाद स्कैन पॉजिटिव था लेकिन अभी हमें 6 चरणों तक स्कैन को देखना होगा। उसके बाद पता चलेगा कि आगे क्या होता है। किसी के साथ भी मेरी जिंदगी की कोई गारंटी नहीं है।
इरफान खान ने आगे कहा कि ‘मेरा दिमाग हमेशा ये बात मुझसे कहता है कि मुझे यह बीमारी है और मैं कुछ ही महीनों या एक साल या दो साल में मर सकता हूं। या फिर मैं इन सब बातों को पूरी तरह अनदेखा करके जिंदगी जिस ओर मुझे ले जाती है मैं वैसे ही जिऊं। जिंदगी ने मुझे बहुत कुछ दिया है। मैं मानता हूं कि मैं अंधों की रेस में था। जहां मुझे काफी कुछ मिल रहा था लेकिन मैं देख नहीं सका।