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इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय फसलों की 465 किस्मों का पंजीयन कर देश में दूसरे स्थान पर

रायपुर/ इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय विभिन्न फसलों की 465 किस्मों का प्रोटक्शन ऑफ प्लांट वेरायटी एंड फार्मर्स राइट्स अथॉरिटी (पीपीवीएफआरए) में पंजीयन कराकर देश में दूसरे स्थान पर है। अभी तक 1830 आवेदन पंजीयन के लिए भेजे जा चुके हैं। इन्हें मंजूरी मिली तो छत्तीसगढ़ देश में अव्वल होगा। इंदिरा गांधी कृषि विवि ने धान समेत विभिन्न फसलों की नई किस्में तैयार करने में देश के अधिकांश राज्यों को पीछे छोड़ दिया है।

पीपीवीएफआरए में पंजीयन के मामले में ओडिशा ही छत्तीसगढ़ से आगे है। ओडिशा से केवल धान की ही किस्मों का पंजीयन हुआ है। जबकि छत्तीसगढ़ ने न केवल धान, बल्कि गेहूं, अरहर, सरसों, बेल, टमाटर, मसूर, तोरई और पान समेत अन्य फसलों की नई किस्में तैयार की हैं। 1830 आवेदन पीपीवीएफआरए भेजे गए हैं। अन्य किस्मों को भी मंजूरी मिली तो छत्तीसगढ़ पहले स्थान पर होगा।

छत्तीसगढ़ में तैयार हो रही नई किस्मों की चर्चा पिछले दिनों नई दिल्ली में आयोजित एक समारोह में रही। इसमें इंदिरा गांधी कृषि विवि के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल को विशेष रूप से आमंत्रित किया गया था। इस दौरान कृषि विवि के पौध प्रजनन विभाग के अध्यक्ष डॉ. दीपक शर्मा भी मौजूद रहे। डॉ. चंदेल और डॉ. शर्मा ने इस मौके पर कृषि विवि में इम्युनिटी बढ़ाने वाली तीन नई किस्मों संजीवनी, प्रोटाजिन और जिंको राइस एमएस का आवेदन पद्मभूषण पुरस्कार प्राप्त डॉ. आरएस पिरोदा तथा पीपीवीएफआरए के अध्यक्ष डॉ. त्रिलोचन महापात्रा को सौंपा।

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