पर्यटक देवदार की किन वादियों में जाकर हो जाते हैं लापता, जानिए।
पर्यटकों में रोमांचक स्थानों पर जाने एवं इन खतरनाक स्थलों की सैर करने का ट्रेंड बढ़ता जा रहा है। जहाँ एक समय में लोग सिर्फ़ तीर्थाटन के लिए घर से निकलते थे, वहीं आज जान जोखिम में डालकर एडवेंचर्स टूर करने का चलन बढ़ता जा रहा है। भूतहे स्थान, खतरनाक घाटियाँ/वादियाँ में जहाँ लोग जाने से घबराते हैं, वहीं आज का युवा जा रहा है तथा दुर्घटनाओं का शिकार भी हो रहा है।
ऐसी ही एक खतरनाक वादी है कुल्लू की। यहां की प्राकृतिक सुंदरता लोगों को अपनी ओर खींच रही है, उसके साथ उनके लिए खतरा भी बन रही है। आंकड़े बताते हैं कि इन वादियों में गत बीस वर्षों में 1670 सैलानी लापता हो चुके हैं। जिनमें नौ विदेशी सैलानी भी सम्मिलित हैं। कहते हैं कि पुलिस ने इनकी खोज करने के लिए वृहद स्तर खोज अभियान चलाए, लेकिन वे देवदार के वृक्षों में कहाँ गायब हो गए पता नहीं चला।
ज्ञात हो कि वर्ष 1999 में डच नागरिक मार्टिन सैलोमो, साल 2000 में रूस के एक्सेई ईवानो, साल 2003 में इजरायल के गाय दौदी, साल 2004 में इटली के फ्रांसेस्को गाती, साल 2005 में ऑस्ट्रेलिया डेनियल माउंटविटन, 2009 में इजरायल के एमी चाय स्पेमेतिज, 2016 में पॉलैंड के ब्रूनो मशचैलिक, 2016 में जापान के सोता श्काई और साल 2016 में यूएस जस्टिन एलेग्जेंडर शेल्टर ऐसे विदेशी पर्यटक हैं, जो कुल्लू-मनाली की हसीन वादियों में घूमने आए थे। लेकिन आज तक उनका कोई सुराग नहीं मिल पाया है।
जिला कुल्लू की मणिकर्ण घाटी के कसोल समेत अन्य कुछ इलाकों के बारे में विदेशी दूतावास भी अपने देश के नागरिकों को खतरनाक होने की जानकारी देता है। हालांकि कुछ दूतावास अपने नागरिकों को इन जगहों पर न जाने की सलाह देते है।
लेकिन शांत वातावरण व चरस के लिए मशहूर इन जगहों पर जाने के लिए पर्यटक हर बंधन तोड़कर आने को तैयार रहते हैं। जो बिना कुछ जानकारी के ही पहाड़ों को नापना शुरू कर देते है जो उनके लिए काफी खतरनाक साबित हो जाता है।
वहीं, अकसर देखा गया है कि कुछ पर्यटक कुल्लू घाटी में नशा करने के मकसद से पहुंचते हैं और नशे की हालत में कई बार दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं तथा बाद में उनका पता किसी को नहीं चलता एवं लापता सूची में सम्मिलित हो जाते हैं। इसलिए नशे की लत के कारण लोग प्राण गंवा देते हैं।
पुलिस का कहना है कि लापता 1379 लोगों को पुलिस ने तलाश कर लिया है। लेकिन 291 लोगों को अभी तक पता नहीं चल पाया है। जिसमें 172 पुरूष व 111 महिलाए शामिल है। पुलिस लापता लोगों को ढूंढने का पूरा प्रयास करती है। पुलिस पर्यटकों से आग्रह करती है कि वो बिना जानकारी के कभी भी पहाड़ों पर घूमने न निकलें।
ऐसे स्थलों पर घूमने जाने से पहले भली भांति रिसर्च कर लें, जहां जाने के लिए मना किया जाता है वहाँ नहीं जाएं क्योंकि हठपूर्वक जान गंवाने से कोई फ़ायदा नहीं। अधिकतर लोग रास्ता भटकने पर जान गंवाते हैं, इसलिए ऐसे स्थानों की ट्रेकिंग एवं भ्रमण सोच समझकर करें।