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भीषण गर्मी का कहर: लू के थपेड़ों से जनजीवन बेहाल, स्वास्थ्य विभाग ने जारी की सावधानियाँ

छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार सहित आसपास के क्षेत्रों में इस समय गर्मी ने अपना विकराल रूप धारण कर लिया है। सूरज की किरणें अब रोशनी नहीं, बल्कि मानो अंगारे बरसाने लगी हैं। दिन चढ़ते ही तापमान में बेतहाशा वृद्धि हो रही है और दोपहर के समय तो सड़कों पर निकलना भी किसी चुनौती से कम नहीं।

सड़कें तपते तवे जैसी गर्म, और हवा में घुला है आग का अहसास। इस प्रचंड गर्मी में घर से बाहर निकलने वाले लोग गर्म लहरों से झुलस रहे हैं। स्थिति यह है कि सुबह 10 बजे के बाद ही धूप इतनी तीव्र हो जाती है कि सड़कों पर सन्नाटा पसरने लगता है। आवश्यक कार्यों के लिए घर से निकलने वाले लोग गमछा, टोपी और छाता लेकर ही बाहर जाने को मजबूर हैं।

पंखे फेंक रहे गर्म हवा, रातें भी नहीं दे रहीं राहत

दिन में चिलचिलाती धूप और रात को उमस भरी गर्मी ने लोगों की दिनचर्या को अस्त-व्यस्त कर दिया है। पंखे और कूलर तक राहत देने में असमर्थ नजर आ रहे हैं। गर्म हवाओं के कारण लू लगने का खतरा लगातार बना हुआ है, जिससे विशेषकर बच्चों, बुजुर्गों और श्रमिक वर्ग को अधिक परेशानी हो रही है।

बढ़ती गर्मी से जल स्तर में गिरावट

गर्मी की मार केवल शरीर पर ही नहीं, बल्कि जल संसाधनों पर भी देखने को मिल रही है। जिले के कई हिस्सों में जल स्तर नीचे गिरने लगा है, जिससे आने वाले दिनों में पेयजल संकट की स्थिति बन सकती है।

डॉक्टरों की चेतावनी: लू से रहें सतर्क

स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. गुरु गोविंद वर्मा ने गर्मी से बचाव को लेकर महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं। उन्होंने कहा कि “तेज गर्मी में लू लगने की संभावना अधिक रहती है, जो कभी-कभी जानलेवा भी साबित हो सकती है। ऐसे में आवश्यक है कि लोग कुछ सावधानियों का पालन करें।”

डॉ. वर्मा द्वारा दिए गए सुझाव इस प्रकार हैं:

  • हल्के रंग और सूती कपड़ों का उपयोग करें।

  • धूप में निकलते समय सिर व कान को ढकें।

  • छाता और धूप का चश्मा उपयोग करें।

  • पानी का सेवन बढ़ाएं, पेय पदार्थ जैसे नींबू पानी, नारियल पानी आदि अधिक पिएं।

  • घर से बाहर जाते समय पानी की बोतल साथ रखें।

  • बच्चों व बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखें और उन्हें धूप से बचाएं।

  • सुपाच्य व हल्का भोजन करें तथा मौसमी फलों का सेवन बढ़ाएं।

प्रशासन ने भीषण गर्मी के मद्देनज़र स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट मोड पर रखा है। अस्पतालों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को आवश्यक दवाओं और चिकित्सा उपकरणों से लैस किया गया है, ताकि गर्मी जनित बीमारियों से निपटा जा सके।

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