गुरु घासीदास-तमोरपिंगला देश का तीसरा सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व घोषित, अधिसूचना जारी
केंद्रीय वन, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने छत्तीसगढ़ के गुरु घासीदास-तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व को देश के 56वें टाइगर रिजर्व के रूप में अधिसूचित कर दिया है। यह टाइगर रिजर्व 2,829.38 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला है, जिसमें 2,049.2 वर्ग किलोमीटर का कोर क्षेत्र और 780.15 वर्ग किलोमीटर का बफर क्षेत्र शामिल है।
केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने सोशल मीडिया पर जानकारी साझा करते हुए कहा कि यह कदम भारत के बाघ संरक्षण के लिए एक और मील का पत्थर साबित होगा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस घोषणा पर खुशी व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव का आभार जताया। उन्होंने इसे छत्तीसगढ़ के लिए गर्व का क्षण बताया और कहा कि यह पहल वन्यजीव संरक्षण और पर्यावरणीय संतुलन के लिए महत्वपूर्ण है।
चौथा टाइगर रिजर्व बना छत्तीसगढ़ में
इस नई अधिसूचना के साथ, छत्तीसगढ़ में टाइगर रिजर्व की संख्या चार हो गई है। इससे पहले राज्य में अचानकमार, उदंती-सीतानदी और इंद्रावती टाइगर रिजर्व थे। अब, इन चारों टाइगर रिजर्व का कुल क्षेत्रफल लगभग 5,500 वर्ग किलोमीटर है।
वन्यजीवों का अनमोल खजाना
गुरु घासीदास-तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व में वन्यजीवों की विविधता का भी विशेष महत्व है। भारतीय प्राणी सर्वेक्षण (ZSI) के अनुसार, यहां 753 प्रजातियों का दस्तावेजीकरण किया गया है, जिसमें 388 कशेरुकी और 365 अकशेरुकी प्रजातियां शामिल हैं। इसमें पक्षियों की 230 प्रजातियां और स्तनधारियों की 55 प्रजातियां हैं, जिनमें कई संकटग्रस्त प्रजातियां भी शामिल हैं।
बाघ संरक्षण के लिए ऐतिहासिक कदम
गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान और तमोर पिंगला वन्यजीव अभयारण्य को मिलाकर बनाए गए इस टाइगर रिजर्व को राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) की तकनीकी और वित्तीय सहायता प्राप्त होगी। यह बाघों और अन्य वन्यजीवों के संरक्षण के लिए एक मजबूत आधार तैयार करेगा। इस पहल से छत्तीसगढ़ न केवल वन्यजीव संरक्षण में अपनी पहचान मजबूत करेगा, बल्कि राज्य और देश के हरित भविष्य की दिशा में भी एक ऐतिहासिक कदम उठाएगा।