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कुशाभाऊ ठाकरे विश्वविद्यालय ने छात्रों को दी बड़ी राहत, अमानत राशि और डिप्लोमा पाठ्यक्रमों की फीस में की भारी कटौती

रायपुर, 16 जुलाई 2025 – छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर स्थित कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय ने विद्यार्थियों के हित में एक ऐतिहासिक और स्वागतयोग्य निर्णय लेते हुए सभी स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों की अमानत राशि तथा डिप्लोमा पाठ्यक्रमों की फीस में उल्लेखनीय कटौती की है। इस निर्णय से न केवल विद्यार्थियों को आर्थिक राहत मिलेगी, बल्कि विश्वविद्यालय में प्रवेश लेने की आकांक्षा रखने वाले अनेक छात्र-छात्राओं के लिए उच्च शिक्षा के द्वार और अधिक सुलभ हो जाएंगे।

अब केवल ₹1000 अमानत राशि देनी होगी

पूर्व में विश्वविद्यालय में प्रवेश लेते समय छात्रों से ₹3000 की अमानत राशि ली जाती थी, जो केवल एक बार देय होती थी। अब इस राशि को घटाकर ₹1000 कर दिया गया है, जिससे सभी पाठ्यक्रमों के विद्यार्थियों को सीधे ₹2000 की आर्थिक राहत प्राप्त होगी। यह निर्णय उन छात्रों के लिए विशेष रूप से राहतकारी है जो आर्थिक रूप से कमजोर पृष्ठभूमि से आते हैं।

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डिप्लोमा कोर्स की फीस में भारी कमी

विश्वविद्यालय ने पत्रकारिता और कंप्यूटर शिक्षा जैसे डिप्लोमा कोर्सेस (PGDCA, DCA, PGDJ) की प्रति सेमेस्टर फीस को ₹4400–₹4950 से घटाकर केवल ₹1000 कर दिया है, जो कि लगभग 75–80% की कटौती है। इससे निम्नलिखित पाठ्यक्रमों में विद्यार्थियों को सीधा लाभ मिलेगा:

पाठ्यक्रम का नाम पूर्व शुल्क संशोधित शुल्क
PGDCA (Post Graduate Diploma in Computer Applications) ₹4400 ₹1000
DCA (Diploma in Computer Applications) ₹4400 ₹1000
PGDJ (Post Graduate Diploma in Journalism) ₹4950 ₹1000

विद्यार्थियों की पहुंच बढ़ेगी उच्च शिक्षा तक

कुलपति एवं संगायुक्त महादेव कावरे ने कहा कि यह निर्णय विश्वविद्यालय की छात्र-केन्द्रित सोच और समावेशी शिक्षा के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उन्होंने कहा –

“शिक्षा का अधिकार हर वर्ग के विद्यार्थी को मिलना चाहिए। शुल्क में कटौती से आर्थिक रूप से कमजोर और दूरस्थ क्षेत्रों के छात्र भी आसानी से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे। ”

उन्होंने यह भी कहा कि यह पहल राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की उस भावना को साकार करती है, जिसमें समावेशी और सुलभ शिक्षा पर बल दिया गया है।

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विद्यापरिषद और कार्यपरिषद ने दी सहमति

विश्वविद्यालय की विद्यापरिषद की बैठक में यह अनुशंसा की गई थी कि शुल्क संरचना को युक्तियुक्त और छात्रहितकारी बनाया जाए। तत्पश्चात कार्यपरिषद की बैठक में इस अनुशंसा को सर्वसम्मति से अनुमोदन मिला और फिर इस संबंध में औपचारिक अधिसूचना जारी कर दी गई।

भविष्य की दृष्टि से प्रेरणादायक कदम

कुशाभाऊ ठाकरे विश्वविद्यालय ने इस निर्णय के माध्यम से यह स्पष्ट संदेश दिया है कि उच्च शिक्षा संस्थान केवल शिक्षण ही नहीं बल्कि सामाजिक उत्तरदायित्व का भी निर्वहन करते हैं। इस पहल से विश्वविद्यालय में नामांकन बढ़ने की संभावना है, और यह अन्य संस्थानों के लिए भी एक प्रेरणा बन सकता है।