आतंकी फंडिंग पर पाकिस्तान को फिर FATF की ‘ग्रे लिस्ट’ में डालने की तैयारी में भारत, जून में पेश होगा डोजियर
भारत एक बार फिर आतंकी फंडिंग के मामले में पाकिस्तान को घेरने की तैयारी में है। सूत्रों के अनुसार, केंद्र सरकार फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की अगली बैठक में पाकिस्तान को दोबारा ‘ग्रे लिस्ट’ में शामिल करने की सिफारिश करेगी। इस संबंध में एक विस्तृत डोजियर तैयार किया जा रहा है, जिसमें पाकिस्तान की ओर से किए गए वादों के उल्लंघन और कानूनी प्रावधानों के अनुपालन में की गई ढिलाइयों को उजागर किया जाएगा।
सरकारी सूत्रों ने बताया कि FATF की जून में प्रस्तावित प्लेनरी बैठक के लिए भारत इस डोजियर को अंतिम रूप दे रहा है। इसमें आतंकवाद को आर्थिक मदद देने और अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं के उल्लंघन से जुड़ी जानकारी शामिल की जाएगी। भारत का आरोप है कि 2022 में ग्रे लिस्ट से हटाए जाने के बाद भी पाकिस्तान ने FATF की सिफारिशों का पूर्ण रूप से पालन नहीं किया है।
सूत्रों के मुताबिक, भारत FATF के साथ-साथ विश्व बैंक द्वारा पाकिस्तान को दी जा रही वित्तीय सहायता की समीक्षा पर भी आपत्ति दर्ज कराएगा। यह समीक्षा भी जून में प्रस्तावित है।
इस कदम को भारत द्वारा पाकिस्तान पर दबाव बढ़ाने की रणनीति के रूप में देखा जा रहा है, खासकर 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद, जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई थी।
गौरतलब है कि पाकिस्तान को जून 2018 में FATF की ग्रे लिस्ट में डाला गया था, और अक्टूबर 2022 तक वह निगरानी में रहा। इस अवधि के दौरान पाकिस्तान को वैश्विक पूंजी और निवेश के प्रवाह में कठिनाइयों का सामना करना पड़ा था। भारतीय अधिकारियों का कहना है कि ग्रे लिस्ट में शामिल होने से पाकिस्तान से भारत, विशेषकर जम्मू-कश्मीर में होने वाली अवैध फंडिंग पर कुछ हद तक लगाम लगी थी।
भारत ने इसी महीने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की बैठक में भी पाकिस्तान को दी जा रही 7 अरब डॉलर की सहायता राशि पर सवाल उठाए थे। भारत ने आरोप लगाया था कि यह धनराशि पाकिस्तान द्वारा आतंकी गतिविधियों में इस्तेमाल की जा सकती है।
FATF में किसी देश को ग्रे लिस्ट में शामिल कराने के लिए सदस्य देशों के समर्थन की आवश्यकता होती है। वर्तमान में FATF के 40 सदस्य देश हैं, जबकि 200 से अधिक देश और क्षेत्रीय संगठन इसके दिशानिर्देशों को मानते हैं। पाकिस्तान FATF का सदस्य नहीं है, लेकिन वह एशिया पैसिफिक ग्रुप ऑन मनी लॉन्ड्रिंग (APG) का हिस्सा है, जो FATF की क्षेत्रीय इकाई है। भारत APG और FATF दोनों का सदस्य है।
भारत की यह पहल न सिर्फ पाकिस्तान को वैश्विक मंच पर जवाबदेह ठहराने की कोशिश है, बल्कि यह आतंकवाद के खिलाफ उसकी कूटनीतिक नीति का एक अहम हिस्सा भी मानी जा रही है।