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हाथियों के हमले में पंडो परिवार के दो बच्चों की मौत, वन विभाग ने दी सहायता

सूरजपुर जिले के प्रेमनगर क्षेत्र के मुलकी पहाड़ में शनिवार रात को एक दर्दनाक हादसा घटित हुआ, जब 11 हाथियों के दल ने पंडो जनजाति के एक परिवार की झोपड़ी को तबाह कर दिया। इस हमले में परिवार के दो छोटे बच्चे, 12 वर्षीय दीशु पंडो और 5 वर्षीय काजल पंडो की कुचलकर मौत हो गई। घटना की जानकारी मिलने के बाद वन विभाग और वन विकास निगम के अधिकारी मौके पर पहुंचे और पंचनामा कार्रवाई की। मृतक बच्चों के पिता को तत्काल सहायता राशि प्रदान की गई।

मुलकी पहाड़ में झोपड़ी बनाकर रहने वाले पंडो परिवार के सदस्य बिखु राम पंडो, उनकी पत्नी मुन्नी बाई और उनके बच्चे रात को सो रहे थे, जब हाथियों का दल अचानक पहुंचा। रात करीब एक बजे हाथियों ने पहले बिखु राम की झोपड़ी को क्षतिग्रस्त किया और फिर अंदर सो रहे बच्चों को कुचल दिया। हालांकि, परिवार के अन्य सदस्य किसी तरह भागकर अपनी जान बचाने में सफल रहे। पास ही स्थित बिखु राम के पिता रतन पंडो की झोपड़ी भी हाथियों के हमले से बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई।

घटना के बाद मौके पर पहुंचे वन विभाग के अधिकारियों ने स्थिति का जायजा लिया और पंचनामा कार्रवाई की। रामानुजनगर रेंजर, रामचंद्र प्रजापति ने मृतक बच्चों के पिता बिखु राम पंडो को 50 हजार रुपये की सहायता राशि प्रदान की।

प्रेमनगर क्षेत्र में हाथियों का आना-जाना एक सामान्य घटना है, क्योंकि ये हाथी कोरिया और कोरबा क्षेत्र से यहां विचरण करने आते हैं। शनिवार रात जिस दल ने हमला किया, वह तारा क्षेत्र से आया था। अंधेरे में हाथियों का अचानक हमला होने के कारण पंडो परिवार को बचने का मौका नहीं मिला। इस दौरान पांच वर्षीय देवसाय नामक बालक ने किसी तरह छिपकर अपनी जान बचाई।

यह घटना वन विकास निगम के कक्ष संख्या 1945 के अंतर्गत हुई है, जहां तीन पंडो परिवार के सदस्य पिछले एक साल से अतिक्रमण कर गाय चराने का कार्य कर रहे थे। अब वन विभाग ने इस मामले में उचित कार्रवाई करते हुए पीड़ित परिवार को राहत प्रदान की है।

यह दुखद घटना वन्यजीवों और मानव बस्तियों के बीच बढ़ते संघर्ष को उजागर करती है, जिससे सुरक्षा उपायों और संवेदनशील क्षेत्रों में अधिक ध्यान देने की आवश्यकता और बढ़ गई है।

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