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सीपी राधाकृष्णन बने भारत के 15वें उपराष्ट्रपति, एनडीए उम्मीदवार ने विपक्षी रेड्डी को हराया

नई दिल्ली, 09 सितम्बर 2025/ भारत के राजनीतिक इतिहास में 9 सितम्बर 2025 एक अहम दिन के रूप में दर्ज हो गया, जब सीपी राधाकृष्णन देश के 15वें उपराष्ट्रपति चुने गए। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के उम्मीदवार राधाकृष्णन ने विपक्षी गठबंधन इंडिया के प्रत्याशी और सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज बी सुधर्शन रेड्डी को हराया। यह चुनाव पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के स्वास्थ्य कारणों से दिए गए इस्तीफे के बाद समय से पहले कराया गया।

चुनाव परिणाम और मतदान

संसद भवन में गुप्त मतदान प्रक्रिया के तहत हुए चुनाव में कुल 781 मतदाताओं में से 768 ने मतदान किया। मतदान प्रतिशत 98.34 रहा। कुल 752 वैध वोटों में से सीपी राधाकृष्णन को 452 (60%) और बी सुदर्शन रेड्डी को 300 (40%) वोट मिले। 16 वोट अमान्य घोषित हुए और 13 सदस्य अनुपस्थित रहे।

चुनाव की पृष्ठभूमि

उपराष्ट्रपति का चुनाव सामान्यतः हर पाँच वर्ष में होता है, किंतु जगदीप धनखड़ के जुलाई 2025 में स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा देने के कारण यह चुनाव समय से पहले कराया गया। यह 1987 के बाद पहला समयपूर्व उपराष्ट्रपति चुनाव था। चुनाव आयोग ने 1 अगस्त 2025 को कार्यक्रम की घोषणा की थी और 9 सितम्बर को मतदान एवं मतगणना हुई।

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निर्वाचक मंडल में लोकसभा और राज्यसभा के चुने हुए एवं नामित सदस्य शामिल थे। एनडीए के पास 55% वोट, इंडिया गठबंधन के पास 42% और अन्य दलों के पास 3% वोट थे। बीजू जनता दल (बीजेडी), भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) और शिरोमणि अकाली दल ने मतदान से दूरी बनाई, जिससे विपक्ष कमजोर पड़ा।

उम्मीदवारों का परिचय

सीपी राधाकृष्णन (एनडीए उम्मीदवार, विजेता):

  • जन्म: 20 अक्टूबर 1957, तिरुपुर (तमिलनाडु)

  • शिक्षा: बीबीए, वीओ चिदंबरम कॉलेज, थूथुकुडी

  • 16 वर्ष की आयु से आरएसएस से जुड़े, भाजपा के संस्थापक सदस्यों में शामिल

  • 1998 और 1999 में कोयंबटूर से लोकसभा सदस्य निर्वाचित

  • 2003-2006 तक तमिलनाडु भाजपा अध्यक्ष

  • 2016-2020 तक कोयर बोर्ड के अध्यक्ष, संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत का प्रतिनिधित्व

  • राज्यपाल के रूप में झारखंड, तेलंगाना, पुदुचेरी और महाराष्ट्र में सेवा

  • रुचि: क्रिकेट, वॉलीबॉल, कृषि और व्यापार

बी सुधर्शन रेड्डी (इंडिया गठबंधन उम्मीदवार):

  • सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश

  • स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में खड़े हुए, लेकिन विपक्षी गठबंधन का समर्थन प्राप्त

  • कानूनी विशेषज्ञता पर आधारित प्रचार अभियान

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राजनीतिक प्रभाव

यह जीत एनडीए के लिए राज्यसभा में और मजबूती का संकेत है, क्योंकि उपराष्ट्रपति राज्यसभा के सभापति होते हैं। विपक्ष ने हार स्वीकार की लेकिन अपनी एकजुटता पर जोर दिया। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह नतीजा 2029 के लोकसभा चुनावों के लिए एनडीए की रणनीति को मजबूत करेगा।

प्रतिक्रियाएं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई नेताओं ने राधाकृष्णन को बधाई दी। सोशल मीडिया पर उनकी जीत चर्चा का प्रमुख विषय बनी रही, जहां इसे एनडीए की मजबूती और विपक्ष की चुनौती के रूप में देखा गया।

नए उपराष्ट्रपति की भूमिका

सीपी राधाकृष्णन अब भारत के 15वें उपराष्ट्रपति के रूप में शपथ लेंगे। राज्यपाल और सांसद के रूप में उनके व्यापक अनुभव से उम्मीद है कि वे राज्यसभा की कार्यवाही को संतुलित और प्रभावी ढंग से संचालित करेंगे।