कोरोना काल में सकारात्मक होने में ईश्वर का ही सहारा

वर्तमान समय में पूरा देश डर-डर कर जी रहा है, पर कोरोना इतना डर का रोग नहीं जिस तरह से लोग डर के संकट में फसें हुए हैं। जरा सा छींक भी आई तो लोगों को डर बंध जाता है। कोरोना हो गया, जरा सोच कर देखिये, पहले भी बुखार आता था पहले भी तबियत खराब होती थी।

अब इस समय मे बुखार आने से लोग डर जाते हैं और दिमागी टेंशन ले लेते हैं आप अपने आपको इतना हलका मत बनाइए कि हवा चली और डर गये। कहने का तात्पर्य है कि भय में मत जियो, बुखार आया तो डरिये नहीं हँसते रहिये, दवा लीजिये, भगवान पर ध्यान लगाईए।

इतना विश्वास रखिए भगवान पर कि वो आपको कुछ नहीं होने देगें। जब आप लोग विश्वास करके एक पत्थर को भगवान बना सकते हैं तो फिर भगवान पर विश्वास करके कोरोना को भी भगा सकते हैं। जितना आप भगवान पर विश्वास करेंगे कोरोना आप पर हावी नहीं हो पायेगा।

एक सच ये भी है कि हम लोग अपने आपको खुद खतरे मे डालते हैं, भगवान आपकी सुरक्षा कर रहा है, पर आप भी सुरक्षा कीजिये अपनी भी और भगवान के विश्वास की भी। आप काम कीजिये पर अपनी सुरक्षा के साथ, चेहरे पर मास्क लगाइये, कई लोग कहते हैं भगवान कुछ नही कर पायेगे, पर जरा सोचिये जिसने दुनिया बनाई है वो क्यों नहीं कुछ कर पायेंगे। बस जरूरत है विश्वास की।

हर जगह लोग भयभीत हैं, डरे हुए हैं, बीमारी शरीर में होती है, आत्मा में नहीं, अपने दिल-ओ-दिमाग को मजबूत बनाइये। अपने आप को खुश रखिये, जितना आप खुश रहेंगे उतना ही मन मजबूत बनेगा। खुद को खुश रखना, परिवार को खुश रखना, समाज को खुश रखना ये भी बड़ी जिम्मेदारी है। खुशी हर बीमारी का इलाज है।

खुल कर हँसिये, सोचिये कोई बड़ा संकट नही है, सब ठीक हो जाएगा, सकारात्मक रहें। भगवान को रोज धन्यवाद दो कि इतना अच्छा जीवन दिया है। रोज भगवान को माता-पिता मान कर विश्वास के साथ उनसे जिद्द कीजिये कि महामारी बन्द करे। भगवान हर जगह हैं, सब देख रहे हैं, पर सुनेंगे जब आप लोग उन पर विश्वास करके अपनी बात कहेंगे।

जितना आप उनके प्यार मे रंग जायेंगे, उतना ही वो आपके प्यार मे रंग जायेंगे। सुदामा, भगवान कृष्ण के रंग मे रंगे थे और कृष्ण सुदामा के रंग मे रंगे थे। राधा जी, गोपियाँ सब भगवान के रंग मे रगे थे। भगवान के प्यार मे सब ऐसे रंगे कि आपसी प्रेम ही वृंदावन ही बन गया। बस आप लोग को भी वृंदावन बनाने की जरूरत है।

मीरा जी ने जहर पी लिया था, फिर भी उनको कुछ नही हुआ क्योंकि वो भगवान के रंग मे रंगी थी। आपके मन मे जिस भी भगवान के लिये भक्ति है उन्हीं में डूब जाइये। प्रेम के भवसागर मे डूब कर देखिये कोई तबाही नहीं आयेगी, केवल विश्वास कीजिये उन पर, जिन्होंने आपको भेजा है धरती पर। वही आपकी सुरक्षित करेंगे, इसलिए डर हटाइए और खुश रहिए, सकारात्मकता हजार बीमारियों की एक दवा है।

आलेख

श्रीमती ममता पाठक
कत्थक, भरतनाट्यम शिक्षिका
नरसिंहपुर, मध्य प्रदेश

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