संविधान हत्या दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए मुख्यमंत्री
रायपुर, 25 जून 2025/ मुख्यमंत्री विष्णु देव साय राजधानी रायपुर स्थित पं. दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में आयोजित संविधान हत्या दिवस कार्यक्रम में शामिल हुए। यह आयोजन आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ के अवसर पर किया गया।
मुख्यमंत्री साय ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, “आपातकाल भारतीय लोकतंत्र पर सबसे बड़ा आघात था, जिसकी स्मृति आने वाली पीढ़ियों के लिए चेतावनी है।” भावुक स्वर में उन्होंने बताया कि उनके बड़े पिताजी, स्व. नरहरि प्रसाद साय, आपातकाल के दौरान 19 माह जेल में रहे। उन्होंने कहा कि उन दिनों लोकतंत्र सेनानियों के घरों में चूल्हा तक नहीं जलता था और नागरिक अधिकारों को बेरहमी से कुचल दिया गया था।
मुख्यमंत्री ने लोकतंत्र सेनानी परिवारों को शॉल, श्रीफल और प्रतीक चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा सेनानियों को ₹10,000 से ₹25,000 प्रतिमाह तक की सम्मान राशि दी जा रही है।
युवाओं से लोकतंत्र की रक्षा का आह्वान
मुख्यमंत्री ने छात्रों व युवाओं से संविधान की रक्षा के लिए जागरूक और सक्रिय भूमिका निभाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि आपातकाल के इतिहास को जानना, पढ़ना और समझना जरूरी है ताकि लोकतंत्र की पुनरावृत्ति को रोका जा सके।
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने अपने संबोधन में आपातकाल को “संविधान पर कलंक” बताते हुए कहा कि यह देश को खुली जेल में तब्दील कर देने वाला काला अध्याय था। उन्होंने कहा कि उस दौर में एक लाख से अधिक लोगों को बिना न्यायिक प्रक्रिया के जेल में डाला गया और लोकतंत्र की आत्मा को कुचला गया।
मुख्य वक्ता बलदेव भाई शर्मा ने कहा कि 25 जून 1975 को भारत में ऐसा काला दिन आया, जिसकी तुलना विश्व इतिहास में किसी अन्य घटना से नहीं की जा सकती। उन्होंने इसे नागरिक अधिकारों और संवैधानिक चेतना का दमन बताया।
विशेष प्रदर्शनी और जनजागरूकता रैली
मुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष ने आपातकाल की घटनाओं पर आधारित विशेष प्रदर्शनी का अवलोकन किया, जिसमें दमनकारी नीतियों और मानवाधिकार हनन को दस्तावेजों और चित्रों के माध्यम से प्रस्तुत किया गया। मुख्यमंत्री ने इसे नई पीढ़ी के लिए अत्यंत शिक्षाप्रद बताया।
कार्यक्रम में उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन, विधायकगण पुरंदर मिश्रा, गुरु खुशवंत साहेब, मोतीलाल साहू, सीएसआईडीसी अध्यक्ष राजीव अग्रवाल, पर्यटन मंडल अध्यक्ष नीलू शर्मा, लोकतंत्र सेनानी संघ के सच्चिदानंद उपासने, दिवाकर तिवारी, साहित्य अकादमी अध्यक्ष शशांक शर्मा एवं संस्कृति संचालक विवेक आचार्य सहित बड़ी संख्या में लोकतंत्र सेनानी, छात्र व विशिष्ट जन उपस्थित रहे।