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चीन ने दिया अमेरिका को करारा जवाब, लगाया 84 प्रतिशत टैरिफ

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए भारी टैरिफ के जवाब में चीन ने पलटवार करते हुए अमेरिकी वस्तुओं पर 84% तक आयात शुल्क लगाने का ऐलान किया है। यह निर्णय 10 अप्रैल से लागू होगा और इससे वैश्विक बाजारों में भारी हलचल मच गई है।

चीन के वित्त मंत्रालय ने बुधवार को बताया कि यह नया टैरिफ पहले घोषित 34% शुल्क की तुलना में काफी अधिक है और अमेरिकी नीतियों के प्रति चीन की सख्त प्रतिक्रिया को दर्शाता है।

इस घोषणा के बाद दुनियाभर के शेयर बाजारों में भारी गिरावट देखी गई। लंदन का FTSE 100 इंडेक्स 3.4% तक गिरा, जबकि यूरोप का Stoxx 600 इंडेक्स 4.2% नीचे चला गया। जर्मनी और फ्रांस के प्रमुख सूचकांक DAX और CAC 40 में भी क्रमशः 3.4% की गिरावट आई।

ट्रंप प्रशासन ने 2 अप्रैल को नई टैरिफ नीति लागू की थी, जिसके तहत अमेरिका अब लगभग सभी व्यापारिक साझेदारों पर कम से कम 10% का कर लगाएगा। उन्होंने चीन सहित उन देशों को अधिक टैरिफ से निशाना बनाया है जो अमेरिका के साथ व्यापार अधिशेष रखते हैं। इसी नीति के तहत चीन से आने वाले उत्पादों पर 104% तक का शुल्क लगाया गया था।

चीन ने इस कदम को “कर जबरदस्ती” करार देते हुए कहा है कि वह अमेरिका के इस आर्थिक दबाव के आगे झुकेगा नहीं और उपयुक्त जवाब देगा।

बाजारों में भारी गिरावट

इस व्यापारिक तनाव का असर अमेरिकी शेयर बाजारों पर भी साफ दिखा। लगातार चौथे दिन गिरावट के बाद S&P 500 इंडेक्स करीब एक साल में पहली बार 5,000 अंक से नीचे बंद हुआ। इस गिरावट के चलते सिर्फ एक हफ्ते में S&P 500 कंपनियों की बाजार पूंजी में लगभग 5.8 ट्रिलियन डॉलर की कमी आई है।

एशियाई बाजारों में भी इसका असर देखने को मिला, जिसमें जापान का निक्केई और भारत का सेंसेक्स प्रमुख हैं। निवेशकों में आशंका है कि यह व्यापार युद्ध और गहराएगा जिससे वैश्विक आर्थिक मंदी का खतरा बढ़ सकता है।

अब पूरी दुनिया की नजर अमेरिका और चीन के अगले कदम पर टिकी है कि क्या यह तनाव किसी समाधान की ओर बढ़ेगा या वैश्विक व्यापारिक मोर्चे पर और अधिक उथल-पुथल देखने को मिलेगी।

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