राज्य स्थापना दिवस 2025 पर छत्तीसगढ़ के सभी जिलों में भव्य राज्योत्सव, मंत्रीगण, सांसद और विधायक होंगे मुख्य अतिथि
रायपुर, 28 अक्टूबर 2025/ राज्य स्थापना दिवस 2025 के अवसर पर छत्तीसगढ़ के सभी जिला मुख्यालयों में भव्य राज्योत्सव कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। इन कार्यक्रमों में राज्य की संस्कृति, लोक परंपराओं और विकास की झलक प्रस्तुत की जाएगी। राज्य शासन द्वारा प्रत्येक जिले के लिए मुख्य अतिथि के नामों की घोषणा की गई है, जिनमें मंत्रीगण, सांसद और विधायक शामिल हैं।
राज्य शासन द्वारा जारी सूची के अनुसार राजनांदगांव में मुख्य अतिथि विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, सरगुजा में कृषि मंत्री रामविचार नेताम, बिलासपुर में केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू, बस्तर में उप मुख्यमंत्री अरुण साव तथा दुर्ग में उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा मुख्य अतिथि होंगे।
इसी प्रकार गरियाबंद में मंत्री दयालदास बघेल, दंतेवाड़ा में मंत्री केदार कश्यप, कोरबा में मंत्री लखन लाल देवांगन, जशपुर में मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, तथा रायगढ़ में मंत्री ओ.पी. चौधरी मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे।
इसके साथ ही सूरजपुर में मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े, जांजगीर-चांपा में मंत्री टंकराम राम वर्मा, बालोद में मंत्री गजेन्द्र यादव, कोरिया में मंत्री राजेश अग्रवाल, और मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी में मंत्री गुरु खुशवंत साहेब मुख्य अतिथि होंगे।
सांसदों में बलौदाबाजार-भाटापारा में बृजमोहन अग्रवाल, बेमेतरा में विजय बघेल, कबीरधाम में संतोष पाण्डेय, बलरामपुर-रामानुजगंज में चिंतामणि महाराज, महासमुंद में रूपकुमारी चौधरी, सारंगढ़-बिलाईगढ़ में राधेश्याम राठिया, सक्ति में कमलेश जांगड़े, बीजापुर में महेश कश्यप, कांकेर में भोजराज नाग, और खैरागढ़-गंडई-छुईखदान में देवेन्द्र प्रताप सिंह मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे।
वहीं विधायकों में मुंगेली में पुन्नू लाल मोहले, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही में धरमलाल कौशिक, धमतरी में अजय चन्द्राकर, मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर में रेणुका सिंह, कोण्डागांव में लता उसेंडी, नारायणपुर में विक्रम उसेंडी, तथा सुकमा में किरण देव जिला मुख्यालय में आयोजित राज्योत्सव कार्यक्रमों में मुख्य अतिथि होंगे।
राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर सभी जिलों में सांस्कृतिक कार्यक्रम, लोकनृत्य, हस्तशिल्प प्रदर्शनी, स्थानीय उत्पादों की झांकियाँ और विकासपरक योजनाओं से संबंधित प्रदर्शनी लगाई जाएगी। कार्यक्रमों में स्थानीय कलाकारों की सहभागिता सुनिश्चित की जाएगी ताकि प्रदेश की लोकसंस्कृति और परंपराएँ जन-जन तक पहुँच सकें।
राज्योत्सव का आयोजन जनभागीदारी और पारंपरिक गौरव के साथ गरिमामय ढंग से किया जाएगा। इसका उद्देश्य प्रदेश की एकता, प्रगति और सांस्कृतिक समृद्धि का संदेश पूरे राज्य में प्रसारित करना है।
