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छत्तीसगढ़ में किसानों की समृद्धि के लिए ऐतिहासिक फैसले, धान खरीदी से लेकर मुफ्त बिजली तक

रायपुर, 20 जुलाई 2025/  मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सरकार के नीतिगत फैसलों एवं कृषि मंत्री रामविचार नेताम के मार्गदर्शन में छत्तीसगढ़ के किसान खुशहाल हैं। इन नीतियों के चलते प्रदेश के किसान निरंतर समृद्धि की ओर अग्रसर हो रहे हैं। मुख्यमंत्री साय के नेतृत्व में सरकार बनते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गारंटी को पूरा करते हुए प्रदेश के पंजीकृत किसानों से समर्थन मूल्य पर प्रति एकड़ 21 क्विंटल और 3100 रुपए प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदी की गई। इससे किसानों का आत्मविश्वास बढ़ा और कृषि क्षेत्र में नई ऊर्जा का संचार हुआ।

राज्य सरकार ने बीते 18 महीने में विभिन्न योजनाओं के माध्यम से लगभग 1.25 लाख करोड़ रुपए किसानों के खातों में अंतरित किए हैं। इन कल्याणकारी कदमों से प्रदेश में खेती-किसानी का रकबा, किसानों की संख्या और कृषि उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है।

छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था का आधार कृषि है, और इसे देश का धान का कटोरा कहा जाता है। मुख्यमंत्री साय के नेतृत्व में लिए गए नीतिगत फैसलों से किसानों को नया सम्बल मिला है।

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बीते खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 में 24.75 लाख किसानों से 144.92 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी कर एक नया रिकॉर्ड बनाया गया। इसके लिए 32,000 करोड़ रुपए का समर्थन मूल्य और 13,320 करोड़ रुपए किसान समृद्धि योजना के तहत अंतर की राशि के रूप में भुगतान किया गया। वर्ष 2024-25 में यह आंकड़ा 149.25 लाख मीट्रिक टन तक पहुंचा और 34,500 करोड़ रुपए का भुगतान तथा 12,000 करोड़ रुपए की अंतर की राशि सीधे किसानों के खातों में जमा की गई।

राज्य सरकार ने दो वर्षों के बकाया धान बोनस की राशि 3,716 करोड़ रुपए का भुगतान कर किसानों में खुशी की लहर दौड़ा दी है। किसानों का मानना है कि सरकार वास्तव में उनकी हितैषी है और खेती-किसानी से ही छत्तीसगढ़ की प्रगति संभव है।

किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर अल्पकालीन कृषि ऋण 01 अप्रैल 2014 से उपलब्ध कराया जा रहा है। वर्ष 2024 में 15.21 लाख किसानों को 6,912 करोड़ रुपए का कृषि ऋण वितरित किया गया, जबकि वर्ष 2025 में 7,800 करोड़ रुपए का लक्ष्य तय किया गया है, जिसमें 11 जुलाई तक 5,124 करोड़ रुपए वितरित किए जा चुके हैं।

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प्रधानमंत्री सिंचाई योजना एवं सौर सुजला योजना के माध्यम से किसानों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। खासकर उन दूरस्थ वनांचलों में, जहां बिजली नहीं है, वहां सौर पंपों की स्थापना से खेतों को पानी उपलब्ध कराया जा रहा है।

वर्ष 2024-25 के बजट में कृषि विभाग के लिए 13,435 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 33 प्रतिशत अधिक है। कृषक उन्नति योजना के लिए 10,000 करोड़, कृषि पंपों के लिए मुफ्त बिजली पर 3,500 करोड़, भूमिहीन कृषि मजदूरों को सालाना सहायता हेतु 600 करोड़, दलहन-तिलहन खरीद हेतु 80 करोड़, फसल बीमा योजना हेतु 750 करोड़ और बीज वितरण जैसी योजनाओं हेतु 150 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।

केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत राज्य के 26 लाख से अधिक किसानों को सालाना 6,000 रुपए की राशि तीन किश्तों में दी जा रही है। साथ ही केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ से केंद्रीय पूल में 78 लाख मीट्रिक टन चावल जमा करने का लक्ष्य निर्धारित किया है।

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छत्तीसगढ़ सरकार के इन फैसलों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि राज्य की खुशहाली का मार्ग खेती-किसानी से होकर ही जाता है।