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छत्तीसगढ़ में पर्यटन विकास की असीम संभावनाएं, माओवाद है सबसे बड़ी चुनौती : मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने मंगलवार को राज्य में पर्यटन क्षेत्र की विशाल संभावनाओं को रेखांकित करते हुए कहा कि बस्तर और सरगुजा जैसे अंचलों में पर्यटन को उद्योग के रूप में विकसित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार माओवाद की समस्या को जड़ से खत्म कर विकास और रोजगार के नए रास्ते खोलने के लिए प्रतिबद्ध है।

मुख्यमंत्री साय ने कहा, “छत्तीसगढ़ में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं, खासकर बस्तर और सरगुजा जैसे क्षेत्रों में, लेकिन सबसे बड़ी बाधा माओवाद है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के नेतृत्व में माओवाद को खत्म करने की दिशा में तेज़ी से काम हो रहा है। जब यह बाधा दूर होगी, तो हम पर्यटन को एक उद्योग के रूप में आगे बढ़ा सकेंगे।”

उन्होंने बताया कि पर्यटन को उद्योग का दर्जा देने की तैयारी चल रही है, जिससे इसे भी वही सुविधाएं और प्रोत्साहन मिल सकें जो अन्य औद्योगिक क्षेत्रों को मिलते हैं। इसके लिए एक विस्तृत रोडमैप भी तैयार किया जा रहा है।

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मुख्यमंत्री ने यह भी जानकारी दी कि देश में माओवाद की कुल समस्या का लगभग 77 प्रतिशत हिस्सा छत्तीसगढ़ में है, जबकि शेष 23 प्रतिशत झारखंड, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और तेलंगाना जैसे राज्यों में फैला है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार हालात पर सतत निगरानी रख रही है और दीर्घकालिक समाधान की दिशा में काम कर रही है।

इसी कड़ी में मुख्यमंत्री साय ने मंगलवार को रायपुर में शहीद एएसपी आकाश राव गिर्पुंजे को श्रद्धांजलि अर्पित की। एएसपी गिर्पुंजे 9 जून को सुकमा केकोंटा इलाके में हुए माओवादी हमले में शहीद हो गए थे। इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री अरुण साव, विजय शर्मा सहित कई वरिष्ठ अधिकारी और जनप्रतिनिधि भी उपस्थित रहे।

एएसपी गिर्पुंजे ने करीब डेढ़ साल तक बस्तर में सेवाएं दीं और कानून व्यवस्था बनाए रखने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनकी शहादत को याद करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार शहीदों के बलिदान को व्यर्थ नहीं जाने देगी और माओवाद के खात्मे के लिए हर संभव कदम उठाएगी।

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