छत्तीसगढ़ की नई पहल: लॉजिस्टिक्स नीति 2025 से निजी निवेश को मिलेगा बड़ा सहारा
सायमिन कैबिनेट की बैठक में बुधवार को छत्तीसगढ़ लॉजिस्टिक्स नीति 2025 को मंजूरी दे दी गई। राज्य सरकार की यह नीति सभी लॉजिस्टिक्स गतिविधियों, जैसे ड्राय पोर्ट, कंटेनर डिपो, एयर कार्गो टर्मिनल, और गति‑शक्ति टर्मिनल सहित माल परिवहन अवसंरचना को बड़े पैमाने पर बढ़ावा देने के उद्देश्य से बनाई गई है।
क्या है इन्वेस्टर्स को मिलने वाले लाभ?
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अधोसंरचना लागत पर 40% तक अनुदान, अधिकतम ₹140 करोड़ तक।
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बाहरी ढांचे (जैसे सड़क–रेल कनेक्शन) पर 50% तक अनुदान।
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छोटे ट्रांसपोर्ट/फ्रेट हब पर 35%, लेकिन अधिकतम ₹5 करोड़ तक।
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वेयरहाउस व कोल्ड स्टोरेज पर 35–45% पूंजी निवेश अनुदान, साथ ही ब्याज सब्सिडी (50–60%), विद्युत शुल्क और स्टांप शुल्क छुट।
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लॉजिस्टिक पार्क के लिए प्रति एकड़ ₹25 लाख तक अनुदान, और बाहरी ढांचे का 50% खर्च वहन।
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बस्तर व सरगुजा जैसे पिछड़े इलाकों में 10% अतिरिक्त प्रोत्साहन।
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ग्रीन लॉजिस्टिक्स अपनाने पर 5% अतिरिक्त अनुदान।
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₹500 करोड़ से अधिक निवेश या 1,000+ रोजगार सृजन पर विशेष प्रोत्साहन।
नीति का उद्देश्य और प्रभाव
इस नीति से छत्तीसगढ़ को एक सशक्त मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स हब के रूप में विकसित करने का लक्ष्य रखा गया है। इससे किसानों, उद्योगों एवं व्यापारियों को:
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सेवा‑मूल्य घटेगा,
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भंडारण सुविधाएँ सस्ती और आधुनिक होंगी,
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और निर्यात व आर्थिक गतिविधियों में तेज़ी आएगी।
राजनीतिक और आर्थिक दृष्टि
हाल तक यह क्षेत्र सामान्य औद्योगिक योजनाओं में शामिल था, लेकिन अब यह स्वतंत्र लॉजिस्टिक्स नीति के तहत विशेष मान्यता प्राप्त कर रहा है। भारत सरकार के हालिया लीड्स सर्वे के आधार पर यह नीति राज्य को अग्रणी राज्यों के पटल पर लाएगी।
इसके अलावा:
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ड्राय पोर्ट/कोन्टेनर डिपो/एयर कार्गो टर्मिनल से रोड, रेल और हवाई मार्गों का इंटीग्रेशन बनेगा,
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वन उपज व औषधीय पौधों का निर्यात सुगम होगा,
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और राज्य में नए रोजगार के अवसर खुलेंगे।
इस नई लॉजिस्टिक्स नीति के लागू होने के बाद छत्तीसगढ़ न केवल मध्य भारत में रणनीतिक रूप से मजबूत होगा, बल्कि आर्थिक रूप से भी देश में एक महत्वपूर्ण लॉजिस्टिक्स केंद्र के रूप में उभरेगा। निवेशकों के लिए यह प्रोत्साहन एक सुनहरा अवसर है, जिसमें रोजगार, व्यापार और निर्यात की संभावनाओं का विस्तृत स्थान दिखता है।