हमारे नायक

futuredहमारे नायक

अंग्रेजों ने किया था पूरे गाँव में सामूहिक नरसंहार

भारतीय स्वाधीनता संग्राम में वनवासी वीर बलिदानी बुधु भगत ऐसा क्राँतिकारी नाम है जिनका उल्लेख भले इतिहास की पुस्तकों में कम हो पर छोटा नागपुर क्षेत्र के समूचे वनवासी अंचल में लोगो की जुबान पर है। उस अंचल में उन्हें दैवीय शक्ति का प्रतीक माना जाता है। वन्य क्षेत्र के अनेक वनवासी परिवार उन्हें लोक देवता जैसा मानते हैं और उनके स्मरण से अपने शुभ कार्य आरंभ करते हैं।

Read More
futuredहमारे नायक

वैदिक पुनर्जागरण के अग्रदूत स्वामी दयानन्द सरस्वती

स्वामी जी भले असमय संसार छोड़ गये पर उनकी शिक्षाएँ, संदेश और संस्था ‘आर्यसमाज’ के माध्यम से वैदिक आन्दोलन भारतीय इतिहास में अमर है।

Read More
futuredहमारे नायक

वनवासी संघर्ष के नायक : क्रांतिकारी तिलका मांझी

ऐसे ही एक बड़े संघर्ष का विवरण संथाल परगने में मिलता है। जिसके नायक वनवासी तिलका मांझी थे। जिन्हें अंग्रेजों ने चार घोड़ो से बाँध कर जमीन पर घसीटा था। फिर भी वीर विद्रोही तिलका ने समर्पण नहीं किया।

Read More
futuredहमारे नायक

गीतों की शब्द शक्ति से राष्ट्रभक्ति और स्वाभिमान जगाने वाले कवि

सैनिकों के बलिदान पर उनका गीत “ऐ मेरे वतन के लोगो, जरा आँख में भर लो पानी” की रचना की। जिस भाव से प्रदीप ने इस गीत की रचना की उसी भावना से लता जी ने गाया। इस गीत के बोल आज भी हृदय को छू जाते हैं। यह गीत देश भक्ति के गीतों में अग्रणी माना गया ।

Read More
futuredहमारे नायक

बाजीराव पेशवा के सामने 70 हजार मुगल सैनिकों का समर्पण

मुगल सेना लगभग सत्तर हजार सैनिकों की एक संयुक्त सेना थी जिसमें मुगल, निजाम, अवध और भोपाल रियासतों के सैनिक थे। सबका समर्पण हुआ। मराठा सेना ने मुगल सेना की तोपें और कुछ हथियार जब्त किये तथा युद्ध व्यय के रूप में पचास लाख रुपया भी वसूल किया।

Read More
futuredहमारे नायक

धर्म, बलिदान और वीरता के प्रतीक : गुरु गोविंद सिंह

गुरु गोविंद सिंह का जीवन धर्म, न्याय और स्वतंत्रता की रक्षा के लिए संघर्षों से भरा था। उन्होंने मुगल शासकों और स्थानीय शासकों के अत्याचारों के खिलाफ सिख समुदाय को संगठित किया।

Read More