रायगढ़ की साहित्यिक समृद्धि के सूत्रधार : डॉ. बल्देवप्रसाद मिश्र
छत्तीसगढ़ का पूर्वी सीमान्त आदिवासी बाहुल्य जिला रायगढ़ केवल सांस्कृतिक ही नहीं बल्कि साहित्यिक दृष्टि से भी सम्पनन रहा है।
Read moreछत्तीसगढ़ का पूर्वी सीमान्त आदिवासी बाहुल्य जिला रायगढ़ केवल सांस्कृतिक ही नहीं बल्कि साहित्यिक दृष्टि से भी सम्पनन रहा है।
Read moreआधुनिक हिन्दी साहित्य का इतिहास अधूरा ही रह जाएगा, अगर उसमें आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी का उल्लेख ना हो। आज 19 अगस्त को उनका जन्म दिन है। उन्हें विनम्र नमन। उनका सम्पूर्ण जीवन आधुनिक हिन्दी साहित्य के इतिहास का एक यादगार स्वर्णिम अध्याय है।
Read moreरविशकर वि”वविद्यालय रायपुर से सन् 1973 में प्रकाशित इस ग्रंथ में प्रागैतिहासिक काल से लेकर आधुनिक युग के पूर्व तक का श्रृंखलाबद्ध इतिहास है। इस ग्रंथ में न केवल प्राचीन छत्तीसगढ़ का इतिहास बल्कि सांस्कृतिक परम्पराओं, लोक कथाओं, पुरातत्व और साहित्य का उल्लेख है। इस ग्रंथ को ‘छत्तीसगढ़ का इनसाइक्लोपीडिया‘ माना जा सकता है। उन्होंने छत्तीसगढ़ की पदयात्रा करके इस ग्रंथ के लिए सामग्री जुटायी थी।
Read moreहिन्दी और छत्तीसगढ़ी भाषाओं के वह एक ऐसे कवि थे, जिनकी कविताओं में और जिनके गीतों में अन्याय और शोषण की जंजीरों से माटी -महतारी की मुक्ति की बेचैन अभिव्यक्ति मिलती है। वह एक स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, इतिहासकार, पत्रकार, लेखक, वकील, सामाजिक कार्यकर्ता और छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण आंदोलन के अग्रणी नेता भी थे।
Read moreलाला जगदलपुरी ने अपनी 93 साल की जीवन यात्रा के 77 साल साहित्य साधना में लगा दिए। सृजन चाहे आधुनिक
Read moreराजस्थान क्षेत्र शिक्षा समूह को बैठक के दौरान अखिल भारतीय साहित्य परिषद राजस्थान के क्षेत्रीय संयुक्त मंत्री वरिष्ठ साहित्यकार उमेश कुमार चौरसिया की नई कृति “इदं राष्ट्राय” का विमोचन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के माननीय क्षेत्रीय प्रचारक श्रीयुत निम्बाराम जी के शुभ कर कमलों से हुआ।
Read more