बस्तर की माटी से जुड़ा कवि: डॉ राजाराम त्रिपाठी
भाषा की अन्य विधाओं की तरह कविता भी जगत को समझने का एक शक्तिशाली उपक्रम हैं, गद्य की अपेक्षा काव्य
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