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साबरमती एक्सप्रेस का नरसंहार: गोधरा कांड

इसमें मौके पर ही कुल 90 यात्री मारे गए जिनमें 59 कारसेवक थे। मरने वालों में 27 महिलाएँ और दस बच्चे थे। 48 अन्य यात्री घायल हुये। कुछ घायलों की मौत बाद में हुई। इनकी संख्या अलग-अलग बताई गई। फिर भी कुल सौ से अधिक यात्रियों का बलिदान हुआ।

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भारतवर्ष के अमृतकाल मे वंदे मातरम की प्रासंगिकता

विश्व इतिहास मे नारों का अपना इतिहास रहा हैं, कभी कभी तो एक नारा पूरे आंदोलन को बदल के रख देता हैं। इतिहास मे ऐसे कई उदाहरण हैं, जैसे स्वराज मेरा जन्मसिद्धह अधिकार हैं, गरीबी हटाओ आदि आदि। वर्तमान के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव मे भी हमने देखा होगा की कैसे कुछ नारे “एक हैं तो सेफ हैं” या “बटेंगे तो कटेंगे” पूरे चुनाव मे हावी रहा

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futuredघुमक्कड़ जंक्शनधर्म-अध्यात्म

तीन नदियों के संगम और आध्यात्मिक धरोहर का केंद्र सांकरदाहरा

सांकरदाहरा में शिवनाथ नदी के संगम के साथ डालाकस और कुर्रू नाला नदियां मिलती हैं। यहां नदी तीन धाराओं में बंट जाती है और फिर सांकरदाहरा के नीचे आपस में मिलती हैं। इस संगम पर स्थित मंदिर और नदी तट पर बनी भगवान शंकर की 32 फीट ऊंची विशालकाय मूर्ति हर आने वाले को मंत्रमुग्ध कर देती है। मंदिर का रमणीय दृश्य और नौका विहार की सुविधा इस स्थल को और भी खास बनाती है।

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futuredखेत-खलिहान

कृषि विश्वविद्यालय का दशम् दीक्षांत समारोह 01 फरवरी को

दिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर का दशम् दीक्षांत समारोह कल 1 फरवरी, 2025 को आयोजित किया जाएगा। कृषि महाविद्यालय रायपुर स्थित कृषि मंडपम में प्रातः 11 बजे से आयोजित इस दीक्षांत समारोह में लगभग 4 हजार 191 विद्यार्थियों को उपाधियाँ प्रदान की जाएगी।

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अकबर के दरबार में धोखे फ़रेब का खेल : बैरम खान की हत्या

सल्तनतकाल और अंग्रेजी काल का इतिहास धोखे और फरेब से भरा है। दिखावटी दोस्ती और मीठी बातों में फँसाकर ही खून की होली खेलने के असंख्य घटनाएँ घटीं हैं। इसी शैली में मुगल सेनापति बैरम खान की हत्या की गई। हत्या के बाद बैरम खान पत्नि सलीमा सुल्तान बादशाह अकबर के हरम में पहुँचा दिया गया।

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भारत के हिंदूपति राणा सांगा का संघर्ष और विजय

महाराणा संग्राम सिंह जिनकी लोक जीवन में प्रसिद्धि “राणा साँगा” के नाम से है। एक ऐसे महान यौद्धा थे जिनका पूरा जीवन राष्ट्र, संस्कृति और स्वाभिमान की रक्षा के लिये समर्पित रहा। उनका जन्म 12 अप्रैल 1484  को हुआ था। राणा सांगा राजपूतों के सिसोदिया उप वर्ग से संबंधित थे। यह सूर्यवंशी क्षत्रियों की एक शाखा है।

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