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क्या आप जानते हैं कि रुपसूत्र किस विषय का ग्रंथ था

‘रूप’ शब्द का प्रयोग मूर्ति के अर्थ में मध्यकाल में मिलता है क्योंकि सूत्रधार मंडन ने 1450 ईस्वी में ‘रूपमंडन’ और सूत्रधार नाथा ने 1480 में “रूपाधिकार” नाम से मूर्तिकला पर ग्रंथ रचे। (वास्तुमंजरी : नाथाकृत, संपादक श्रीकृष्ण जुगनू) हालांकि अष्टाध्यायी में पाणिनि ने रूप शब्द का प्रयोग बताया है ( 5, 2, 120) तथा उससे बने ‘रूप्य’ शब्द का अभिप्राय ‘सुंदर’ एवं ‘आहत’ यानी मुहर युक्त बताया है।

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कृषि विश्वविद्यालय में तीन दिवसीय राष्ट्रीय आम महोत्सव 12 से 14 जून

राष्ट्रीय आम महोत्सव में आम की 150 से अधिक किस्मों एवं आम से बने 56 व्यंजनों का प्रदर्शन किया जायेगा। इस कार्यक्रम में आम की विभिन्न किस्मों की प्रतियोगिता आयोजित की जा रही है जिसमें छत्तीसगढ़ एवं देश के विभिन्न राज्यों के आम उत्पादक शामिल होंगे।

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सनातन के मानबिंदूओं को पुनर्प्रतिष्ठित करने वाली महारानी देवी अहिल्याबाई

31 मई 1725 देवी अहिल्याबाई का जन्म दिवस : स्वत्व और स्वाभिमान के लिये समर्पित जीवन संसार में कुछ ऐसी

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नारी शक्ति की सशक्त प्रतीक देवी अहिल्या बाई

भारतीय संस्कृति में नारी महत्वपूर्ण स्थान है। भारतीय संस्कृति की स्त्री आदर्श, धैर्य, साहस, प्रेम, त्याग उदारता की प्रतीक अहिल्याबाई

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इंद्रावती नदी घाटी की सभ्यता एवं बस्तर की सांस्कृतिक परम्परा

हाँ मैं भारत देश के सबसे बड़े और शानदार नदी जलप्रपात चित्रकोट के सामने खड़ा हूँ, जहाँ करीब सौ फीट

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प्रकृति का अनुपम उपहार छत्तीसगढ़ : संदर्भ यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल

छत्तीसगढ़, भारत के हृदय में बसा एक सम्पन्न राज्य है, जो सांस्कृतिक विरासत और मनोरम प्राकृतिक परिदृश्यों के एक समृद्ध

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