चित्तौड़ का जौहर : महिला दिवस विशेष
जीत के बाद बहादुरशाह किले में प्रविष्ठ हुआ पर उसे सन्नाटा और राख के ढेर मिले। उसने आसपास के गाँवों में लूट मचाई। तभी उसे खबर मिली कि हुँमायू की सेना चित्तौड़ आ रही है। वह किला खाली करके चला गया।
Read moreजीत के बाद बहादुरशाह किले में प्रविष्ठ हुआ पर उसे सन्नाटा और राख के ढेर मिले। उसने आसपास के गाँवों में लूट मचाई। तभी उसे खबर मिली कि हुँमायू की सेना चित्तौड़ आ रही है। वह किला खाली करके चला गया।
Read moreबाला किला भारत की गौरवशाली सैन्य शक्ति और अनोखे ऐतिहासिक किस्सों का प्रतीक है। विक्टर नामक कुत्ते की यह अनूठी कहानी इसे और भी रहस्यमय और रोचक बना देती है। यह किला न केवल अपनी मजबूत बनावट बल्कि अपनी अनोखी विरासत के लिए भी प्रसिद्ध है।
Read moreयावती ने लगभग 40 महिलाओं के साथ सभा स्थल में प्रवेश किया। महिलाओं का जत्था पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच खड़ा हो गया। पुलिस बल महिलाओं को हटाने बंदूक के संगीनों से धमकाने लगे। इससे दयावती बिफर गई और एक बंदूकधारी पुलिस वाले के सामने खड़ी होकर गोली चलाने के लिए ललकारने लगी।
Read moreऐसे चिंतक विचारक और क्राँतिकारी पृथ्वी सिंह आजाद का जन्म 15 सितंबर 1892 को पंजाब प्रांत के मोहाली क्षेत्र अंतर्गत ग्राम लालरू में हुआ था। इन दिनों इस क्षेत्र को साहिबजादा अजीतसिंह नगर के नाम से जाना जाता है।
Read moreइसमें मौके पर ही कुल 90 यात्री मारे गए जिनमें 59 कारसेवक थे। मरने वालों में 27 महिलाएँ और दस बच्चे थे। 48 अन्य यात्री घायल हुये। कुछ घायलों की मौत बाद में हुई। इनकी संख्या अलग-अलग बताई गई। फिर भी कुल सौ से अधिक यात्रियों का बलिदान हुआ।
Read moreविश्व इतिहास मे नारों का अपना इतिहास रहा हैं, कभी कभी तो एक नारा पूरे आंदोलन को बदल के रख देता हैं। इतिहास मे ऐसे कई उदाहरण हैं, जैसे स्वराज मेरा जन्मसिद्धह अधिकार हैं, गरीबी हटाओ आदि आदि। वर्तमान के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव मे भी हमने देखा होगा की कैसे कुछ नारे “एक हैं तो सेफ हैं” या “बटेंगे तो कटेंगे” पूरे चुनाव मे हावी रहा
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