भारत में लोकतंत्र की जड़ें पाताल से भी गहरी : अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस
भारत में लोकतंत्र की जड़ें हड़प्पा सभ्यता, वैदिक सभा-समिति, गणराज्यों और बौद्ध संघों से लेकर संविधान तक फैली हैं। जानिए क्यों भारत को लोकतंत्र की जननी कहा जाता है।
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Read More11 सितंबर भारत के लिए ऐतिहासिक दिन है। स्वामी विवेकानंद के विश्वबंधुत्व संदेश से लेकर 9/11 हमले की स्मृति तक, यह दिन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत जी के जन्मदिवस से भी जुड़ा है। उनके नेतृत्व और समर्पण पर एक विशेष लेख।
Read Moreभारत के 15वें उपराष्ट्रपति के रूप में सीपी राधाकृष्णन निर्वाचित हुए। एनडीए उम्मीदवार ने बी सुधर्शन रेड्डी को हराकर समयपूर्व चुनाव में जीत दर्ज की। जानिए परिणाम, पृष्ठभूमि और राजनीतिक प्रभाव।
Read Moreबालेन्द्र शाह (बालेन शाह) – नेपाल के रैपर, इंजीनियर और काठमांडू के स्वतंत्र मेयर, जिनकी यात्रा संगीत से राजनीति तक युवाओं के लिए प्रेरणादायक रही है।
Read Moreकांग्रेस नेता उमंग सिंगार के आदिवासी समाज और हिंदू धर्म संबंधी बयान पर विवाद, जिसमें जनजातीय समाज और सनातन परंपराओं के अटूट रिश्तों को रेखांकित किया गया है।
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