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भारतीय सांस्कृतिक एकता के प्रतीक : आदि गुरु शंकराचार्य

ब्रह्म सत्यं जगन्मिथ्या जीवो ब्रह्मैव नापरः – ब्रह्म ही सत्य है, जगत मिथ्या और जीव ही ब्रह्म है। वेदांत की

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वैदिक आर्य संस्कृति की स्थापना का आधार भगवान् परशुराम

कोई क्षेत्र या कोई देश ऐसा नहीं जहाँ भगवान् परशुरामजी की स्मृति या चिन्ह नहीं मिलते हों। उन्होंने शाँति और मानवता की स्थापना के लिये पूरी पृथ्वी की सतत यात्राएँ की। विश्व में वैदिक आर्य संस्कृति की स्थापना का आधार भगवान् परशुरामजी ही हैं।

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महाप्रभु वल्लभाचार्य एवं पुष्टिकर तीर्थ चम्पारण

पुष्टिमार्ग के प्रवर्तक महाप्रभु वल्लभाचार्य की जन्मभूमि छत्तीसगढ के रायपुर जिले के अभनपुर ब्लॉक के ग्राम चांपाझर में स्थित है। गाहे-बगाहे वर्ष में दो तीन बार तो यहाँ हो आता हूँ।

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हिन्द की चादर गुरु तेग बहादुर

मानवीय मूल्य और आदर्श की रक्षा करने वाले धर्म के लिए अपने प्राणों का बलिदान करने वालों में सिक्खों के गुरु तेग बहादुर साहिब का स्थान जनमानस में अत्यंत महत्वपूर्ण है। गुरु तेग बहादुर जी सिक्खों के एक प्रभावशाली गुरु के रूप में जाने जाते है।

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भारत में धार्मिक पर्यटन छू रहा नित नई ऊचाईयां

अयोध्या धाम में प्रभु श्रीराम के भव्य मंदिर में श्रीराम लला के विग्रहों की प्राण प्रतिष्ठा के पश्चात प्रत्येक दिन औसतन 2 लाख से अधिक श्रद्धालु अयोध्या पहुंच रहे हैं। यह तो केवल अयोध्या की कहानी है इसके साथ ही तिरुपति बालाजी, काशी विश्वनाथ मंदिर, उज्जैन में महाकाल लोक, जम्मू स्थित वैष्णो देवी मंदिर, उत्तराखंड में केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री एवं यमनोत्री जैसे कई मंदिरों में श्रद्धालुओं की अपार भीड़ उमड़ रही है।

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स्त्रीत्व का उत्सव गणगौर

राजस्थान, हरियाणा और मध्य प्रदेश सहित भारत के उत्तरी प्रांतों का लोकप्रिय पर्व गणगौर गाँव-घर से जोड़ने वाला उत्सव है। महिलाओं के मन-जीवन में उल्लास और अपनेपन का संचार करने वाला लोक उत्सव है। अपनों की कुशलता और सौभाग्य की कामना के लिए गण और गौर के रूप में भगवान शिव और माता पार्वती

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