रे नर मुरख चेत सके तो चेत : सम्पादकीय
आज धरती संकट में है, धरती के साथ सभी प्राणी जगत संकट में है। अंधाधूंध जंगल कटाई ने धरती के
Read Moreआज धरती संकट में है, धरती के साथ सभी प्राणी जगत संकट में है। अंधाधूंध जंगल कटाई ने धरती के
Read Moreकिसी भी लोकतंत्र के लिए प्रबुद्ध एवं सशक्त विपक्ष का होना अत्यावश्यक है। अगर विपक्ष बुद्धिवान हो्ता है तो पक्ष
Read Moreवाटर हार्वेस्टिंग के निर्माण का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करना चाहिए। अगर जल संकट की भविष्य की चेतावनियों से भी हम न चेते तो भविष्य में मानव सभ्यता विनाश होगा और इसका उत्तरदायी सिर्फ़ वर्तमान का मानव समाज ही होगा।
Read Moreसम्पादकीय वर्तमान में जल संकट का सामना ग्रामीण क्षेत्रों से लेकर शहरों तक मनुष्य को करना पड़ रहा है। नदियाँ
Read Moreआज मई की सोलह तारीख है, तीन साल हो गये सरकार को। जरा पीछे मुड़कर देखा जाए, याने कि सिंहावलोकन
Read Moreलोकतंत्र सरकार का विरोध करने की छूट देता है कूनीतियों एवं गलत फैसलों पर। एक तरह से अंकुश का काम
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