घिर घिर आये काले कजरारे मेघ : मनकही
मानसून आने का उल्लास आस बांधे उन किसानों की आखों से प्रगट होता है जो जेठ की तपती हुई धरती
Read moreमानसून आने का उल्लास आस बांधे उन किसानों की आखों से प्रगट होता है जो जेठ की तपती हुई धरती
Read moreजब कलम किराये पर चढ़ जाती है, तो लेखन कमजोर पड़ जाता है। लेखक की कलम को जब और कहीं से मार्गदर्शन मिलता है, तो वे धीरे-धीरे लेखक मरने लगता हैं। उनकी आत्मा की प्रखरता और तेजस्विता समाप्त हो जाती है। शब्दों की शक्ति कमजोर हो जाती है, और विचारों में गहराई नहीं रह जाती।
Read moreभारत जो किसी वक्त में सोने की चिड़िया रहा है जिसका किसी वक्त में वैश्विक अर्थव्यवस्था में बहुत बड़ा योगदान
Read moreअलख, अ+लख, जो दिखाई न दे, जो दृष्टिगोचर न हो। माने निराकार और निराकार ईश्वर को ही कहा गया है। निरंजन शब्द की उत्पत्ति अंजन शब्द में निर् प्रत्यय लगाने के बाद होती है। निर का अर्थ है बिना या रहित तथा अंजन का अर्थ है काजल या अंधकार। निरंजन का शाब्दिक अर्थ होता है “जो अंजन (काजल या अंधकार) से रहित हो। किन्तु इसका तत्वार्थ बहुत गहरा है।
Read moreअकर्मण्यता, निराशा, आलस्य और शिथिलता – ये सभी उद्भव, विकास और उन्नति के सबसे बड़े बाधक तत्व हैं। अनेक लोग
Read moreमनुष्य की पहचान कही जाने वाली मानव संस्कृति और इसमें रची – बसी कृत कला रूपों की प्रेरणा स्रोत एवं
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