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बीजापुर में ‘ऑपरेशन संकल्प’ की बड़ी सफलता: 22 माओवादी ढेर, कर्रेगुट्टा में अब भी जारी है मुठभेड़

छत्तीसगढ़ के बीजापुर ज़िले में माओवादियों के खिलाफ चल रहे ‘ऑपरेशन संकल्प 2025’ के तहत सुरक्षा बलों को बड़ी कामयाबी मिली है। बुधवार सुबह से कर्रेगुट्टा की पहाड़ियों में जारी मुठभेड़ में अब तक करीब 22 नक्सलियों को मार गिराया गया है। फिलहाल 18 माओवादियों के शव बरामद किए जा चुके हैं और मुठभेड़ अभी भी जारी है, जिससे यह संख्या और बढ़ सकती है।

इस विशेष अभियान की निगरानी खुद केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के महानिदेशक ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह कर रहे हैं। वहीं, राज्य के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (नक्सल ऑपरेशन) विवेकानंद सिन्हा, सीआरपीएफ के आईजी राकेश अग्रवाल और बस्तर जोन के आईजी पी. सुंदरराज भी घटनाक्रम पर नजर रखे हुए हैं।

ऑपरेशन की बागडोर संभाल रहे विशेष बल

करीब दो हफ्ते से चल रहे इस अभियान में जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी), कोबरा बटालियन और स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) के जवानों ने माओवादियों के कई ठिकानों को तबाह कर दिया है। अब तक पहाड़ी से 200 से अधिक आईईडी बरामद किए जा चुके हैं और नक्सलियों के सैकड़ों बंकर नष्ट किए जा चुके हैं।

बहादुरी की मिसाल: घायल साथी को बचाते हुए सहायक कमांडेंट हुए गंभीर रूप से घायल

रविवार को हुए एक आईईडी विस्फोट में घायल जवान को बचाने के प्रयास में सीआरपीएफ के सहायक कमांडेंट सागर बोराडे खुद बुरी तरह घायल हो गए। घायल साथी को सुरक्षित निकालने के दौरान एक और विस्फोट हुआ, जिसमें उनका बायां पैर गंभीर रूप से जख्मी हो गया। उन्हें पहले रायपुर और फिर दिल्ली एम्स ले जाया गया, जहां पैर को काटना पड़ा। डॉक्टरों के मुताबिक, फिलहाल उनकी हालत स्थिर है और वे ICU में उपचाराधीन हैं।

350 से ज्यादा नक्सलियों की मौजूदगी की थी सूचना

खुफिया सूत्रों के अनुसार, कर्रेगुट्टा पहाड़ी लंबे समय से माओवादियों की गतिविधियों का केंद्र रहा है। यहां पोलित ब्यूरो सदस्य बसव राजू, केंद्रीय कमेटी के सदस्य बसव राव, गणपति, भूपति, देवजी, चंद्रन्ना, दामोदर और कुख्यात हिड़मा सहित करीब 350 माओवादियों के मौजूद होने की जानकारी पर ऑपरेशन की शुरुआत की गई थी।

अब तक बस्तर में 147 माओवादी मारे गए

सुरक्षा बलों का दावा है कि बीते चार महीनों में बस्तर संभाग में मुठभेड़ों के दौरान 147 हार्डकोर माओवादियों को मार गिराया गया है। संकल्प ऑपरेशन से नक्सलियों की कमर टूटने की संभावना जताई जा रही है और यह सुरक्षा बलों के लिए मनोवैज्ञानिक बढ़त का संकेत है।