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भारतीय वायुसेना की स्ट्राइक बनी टर्निंग पॉइंट, पाकिस्तानी एयरबेस पर हमले के बाद थमा संघर्ष: एस. जयशंकर

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा है कि भारत द्वारा 10 मई को पाकिस्तान के आठ प्रमुख एयरबेस पर किए गए एयरस्ट्राइक पिछले महीने के सैन्य टकराव में निर्णायक मोड़ साबित हुए। उन्होंने दावा किया कि इन हमलों के बाद ही पाकिस्तान को शांति की अपील करने के लिए मजबूर होना पड़ा। अमेरिका के समाचार पोर्टल पोलिटिको को दिए गए साक्षात्कार में जयशंकर ने यह भी साफ किया कि यह निर्णय पूरी तरह भारत का था और किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता नहीं हुई।

जयशंकर ने कहा, “लड़ाई 10 मई को रुकी, और इसका एक ही कारण था – उस दिन सुबह हमने पाकिस्तान के आठ प्रमुख एयरबेस को निशाना बनाकर उन्हें निष्क्रिय कर दिया।” उन्होंने आगे कहा कि यह नुकसान पूरी दुनिया देख सकती है, और गूगल पर मौजूद सैटेलाइट तस्वीरों से स्पष्ट है कि रनवे और हैंगर कितनी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुए।

राफेल और अन्य सिस्टम्स की ताकत का प्रदर्शन

विदेश मंत्री ने कहा कि भारत की वायुसेना ने पाकिस्तान की तुलना में कहीं ज्यादा नुकसान पहुंचाया। उन्होंने विशेष रूप से राफेल लड़ाकू विमानों और अन्य रणनीतिक प्रणालियों की भूमिका को सराहा, जिनकी मदद से पाकिस्तान के एयरबेस निष्क्रिय किए जा सके। जयशंकर के अनुसार, ये हमले भारत की सैन्य तैयारी और रणनीतिक सोच का प्रमाण हैं।

इस बयान के खास मायने हैं क्योंकि हाल के घटनाक्रमों के दौरान भारत के कुछ लड़ाकू विमानों की क्षति को लेकर सवाल उठे थे। हालांकि, प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (CDS) जनरल अनिल चौहान पहले ही यह कह चुके हैं कि भारत ने अपनी गलतियों से सीखा और तेजी से सुधार किया।

आतंकवाद के खिलाफ भारत की नई नीति

जयशंकर ने पाकिस्तान को कड़ा संदेश देते हुए यह भी कहा कि अगर भविष्य में पुलवामा जैसी घटनाएं दोहराई गईं, तो भारत उसका माकूल जवाब देगा। उन्होंने पाकिस्तान पर आरोप लगाया कि वह सरेआम आतंकवादियों को प्रशिक्षण दे रहा है और उन्हें भारत के खिलाफ “छोड़ रहा है”।

“अगर पाकिस्तान अप्रैल जैसी बर्बर घटनाओं को दोहराता है, तो जवाब जरूर मिलेगा – और वह जवाब आतंकवादी संगठनों और उनके नेतृत्व के खिलाफ होगा। हमें फर्क नहीं पड़ता कि वे पाकिस्तान में कितनी गहराई में छिपे हैं, हम वहीं तक जाएंगे,” जयशंकर ने कहा।

उन्होंने पाकिस्तान को एक ऐसा देश बताया जो आतंकवाद को राज्य की नीति के रूप में इस्तेमाल करता है, और यही क्षेत्रीय अस्थिरता की जड़ है।

ऑपरेशन ‘सिंदूर’ और संघर्ष विराम

22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान-निर्धारित कश्मीर में नौ आतंकी ठिकानों पर कार्रवाई की। इसके जवाब में पाकिस्तान की ओर से सैन्य प्रतिक्रिया शुरू हुई, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया।

चार दिनों तक चले इस सैन्य संघर्ष के बाद 10 मई को भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम पर सहमति बनी। लेकिन भारत की ओर से किए गए एयरस्ट्राइक को ही इस टकराव का निर्णायक मोड़ माना जा रहा है।

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