छत्तीसगढ़ की नई औद्योगिक नीति से लाभान्वित हुए युवा उद्यमी
रायपुर, 11 सितंबर 2025। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार ने औद्योगिक विकास को बस्तर अंचल जैसे दूरस्थ और चुनौतीपूर्ण क्षेत्रों तक पहुँचाने का जो संकल्प लिया था, उसके सकारात्मक परिणाम अब सामने आने लगे हैं।
करीब छह माह पहले मुख्यमंत्री ने बस्तर क्षेत्र के उद्योगपतियों, व्यवसायियों, नव उद्यमियों और स्टार्टअप से जुड़े युवाओं से संवाद किया था। इन प्रयासों का फल गुरुवार को जगदलपुर में आयोजित छत्तीसगढ़ इनवेस्टर कनेक्ट बस्तर कार्यक्रम में दिखाई दिया, जहाँ लगभग 1,000 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्तावों की स्वीकृति पत्र निवेशकों को प्रदान किए गए।
इसमें स्थानीय उद्यमियों की भागीदारी उल्लेखनीय रही। कोंडागांव जिले की युवा महिला उद्यमी रागिनी जायसवाल और माओवाद प्रभावित बीजापुर जिले के उद्यमी सोहैल रिजवी ने स्वरोजगार और औद्योगिक निवेश की राह चुनकर नई मिसाल पेश की है।
रागिनी जायसवाल: पोषण आधारित स्टार्टअप से आत्मनिर्भरता की ओर
कोंडागांव निवासी रागिनी ने प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण योजना से लाभान्वित होकर स्थानीय उत्पादों पर आधारित फिटनेस एंड न्यूट्रिशन यूनिट स्थापित किया है। यह यूनिट गर्भवती एवं स्तनपान कराने वाली माताओं और बच्चों के लिए हेल्दी फूड उपलब्ध करा रहा है।
रागिनी को इस यूनिट के लिए शासन से 9.53 लाख रुपये की सहायता मिली, जिसमें 35 प्रतिशत अनुदान शामिल है। वह अपने 10 सदस्यीय परिवार के सहयोग से इस स्टार्टअप को आगे बढ़ा रही हैं और बस्तर के ग्रामीण परिवेश व परंपरागत उत्पादों की जानकारी का लाभ उठाकर आत्मनिर्भर बनने की ओर अग्रसर हैं।
सोहैल रिजवी: बीजापुर में आधुनिक राइस मिल की स्थापना
दंतेवाड़ा जिले के गीदम निवासी सोहैल रिजवी ने बीजापुर में 6 करोड़ रुपये की लागत से एक आधुनिक राइस मिल स्थापित करने की योजना बनाई है। इस परियोजना के लिए शासन से उन्हें 90 लाख रुपये का अनुदान प्राप्त होगा। राइस मिल के शुरू होने से 50–60 लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा।
सोहैल अपने पिता के व्यवसाय को आगे बढ़ा रहे हैं, जिन्होंने 17 वर्ष पहले गीदम में राइस मिल की स्थापना की थी। इसके अतिरिक्त, वह 3 करोड़ रुपये की लागत से फ्लाई ऐश ब्रिक्स का कारोबार भी संचालित कर रहे हैं, जो उनकी उद्यमशीलता और नवीन दृष्टिकोण को दर्शाता है।
नई औद्योगिक नीति का असर
रागिनी और सोहैल जैसे युवाओं की सफलता यह साबित करती है कि छत्तीसगढ़ की पारदर्शी, सुरक्षित और आकर्षक औद्योगिक नीति ने स्थानीय स्तर पर विश्वास कायम किया है। इन प्रयासों से न केवल बस्तर क्षेत्र में उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था और रोजगार के अवसरों में भी उल्लेखनीय वृद्धि होगी।