अवैध ईंट भट्ठा संचालकों पर नहीं हो रही कार्रवाई, पर्यावरण की अनदेखी और नियमों की उड़ रही धज्जियां
अर्जुनी। क्षेत्र में अवैध ईंट भट्ठों का कारोबार बेधड़क जारी है, जिससे न केवल पर्यावरण को नुकसान हो रहा है, बल्कि खनिज विभाग को हर माह लाखों रुपये के राजस्व की हानि भी हो रही है। अर्जुनी-टोनाटार मार्ग और टोनाटार क्षेत्र की शासकीय भूमि पर बिना अनुमति संचालित हो रहे ये भट्ठे प्रशासनिक लापरवाही के उदाहरण बन गए हैं।
जानकारी के अनुसार, कुम्हार जाति को मिली सरकारी छूट की आड़ में अब बाहरी और रसूखदार लोग भी लाभ उठा रहे हैं। अन्य राज्यों से आकर कुछ लोग बिना वैध दस्तावेज और रॉयल्टी जमा किए भारी मात्रा में ईंट निर्माण कर मोटी कमाई कर रहे हैं। शासन-प्रशासन की सख्त हिदायतों के बावजूद स्थानीय स्तर पर कार्रवाई का अभाव इन अवैध गतिविधियों को बढ़ावा दे रहा है।
राख की धूल से राहगीर परेशान
गर्मी के मौसम में भट्टों से निकल रही राख की धूल सड़क किनारे चलने वाले राहगीरों के लिए परेशानी का कारण बन गई है। उड़ती धूल आंखों में चली जाती है, जिससे कई बार लोग गिर भी जाते हैं। इसके बावजूद जिम्मेदार विभाग आंख मूंदे बैठे हैं।
लाल ईंट की कीमत आसमान पर
प्रधानमंत्री आवास योजना के हितग्राहियों को सबसे अधिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। योजना के तहत मिलने वाली पहली किस्त 40 हजार रुपये में घर निर्माण के लिए ईंट या अन्य सामग्री खरीदना मुश्किल हो गया है। लाल ईंट की मांग बढ़ने के साथ ही कीमतें भी बेकाबू हो गई हैं।
प्रशासनिक जिम्मेदार मौन
हल्का पटवारी भुनेश्वर साहू ने कहा कि उन्हें हल्का संभाले अभी 5-6 महीने ही हुए हैं और अभी तक क्षेत्र में केवल एक-दो बार ही दौरा किया है। उन्होंने आश्वासन दिया कि वे मौके पर जाकर स्थिति का जायजा लेंगे। वहीं अर्जुनी के ग्राम सचिव राजेश साहू ने स्पष्ट किया कि किसी भी ईंट भट्ठा संचालक ने पंचायत से अनुमति नहीं ली है और कुम्हार जाति की आड़ में अवैध संचालन किया जा रहा है। उन्होंने इन पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।
बिना दस्तावेज चला रहे कारोबार
इन अवैध ईंट भट्ठों के संचालकों के पास पंचायत में कोई वैध दस्तावेज मौजूद नहीं हैं। ये लोग अलग-अलग राज्यों से आकर किराए पर जमीन लेकर ईंट निर्माण कर रहे हैं और कई संचालक इस अवैध कमाई से अब आलीशान मकान तक बना चुके हैं।
निष्क्रियता बनी बड़ी बाधा
स्थानीय प्रशासन की निष्क्रियता के चलते न तो रॉयल्टी वसूली हो पा रही है और न ही अवैध ईंट भट्ठों पर रोक लग रही है। इससे न केवल शासन को आर्थिक नुकसान हो रहा है, बल्कि पर्यावरण और आम जनता की सेहत पर भी गंभीर प्रभाव पड़ रहा है। अब देखना होगा कि प्रशासन कब जागता है और अवैध कारोबार पर लगाम लगाता है।
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