माता कौशल्या की जन्मतिथि बताने वाले को 11 लाख रूपये पुरस्कार की घोषणा

रायपुर ब्यूरो, 16 नवंबर। दूधाधारी मठ रायपुर ने घोषणा की है कि ज्योतिष गणना के आधार पर माता कौसल्या की जन्म तिथि का निर्धारण करने वाले विद्वान को 11 लाख रुपये का पुरस्कार दिया जाएगा। ज्ञात हो कि हाल ही में राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला आया है, इसके पश्चात भगवान राम की माता कौसल्या के जन्म की मान्यताओं में से जन्म तिथि ज्ञात करने का प्रयास किया जा रहा है।

रायपुर से 25 किमी की दूरी पर स्थित चंदखुरी (चंद्रपुरी) जो माता कौसल्या की जन्म स्थली माना जता है। यहाँ कौसल्या माता का मंदिर भी है तथा यहाँ श्रद्धालू मान्यतानुसार मंदिर पूजन करने के लिए आते हैं। मान्यता है कि भगवान राम वनवास काल में वर्तमान छत्तीसगढ़ (दण्डकारण्य) के कुछ स्थलों पर अल्पकालीन निवास किया था।

दूधाधारी मठ मठ के महंत रामसुंदर दास ने माता कौसल्या के विषय में जानकारी जुटाने का संकल्प लिया है तथा उनकी जन्म तिथि के विषय में जानने के लिए 11 लाख रुपयों का पुरस्कार भी घोषित किया है। उन्होंने प्राचीन ग्रंथो, पुरातत्व, जनश्रुतियों, दंतकथाओं के अतिरिक्त ज्योतिष विज्ञान के विद्वानों से आग्रह किया है।

इस कार्य के लिए पत्राचार की अवधि 15 नवम्बर से 15 दिसम्बर 2019 तक निर्धारित की गई है और इच्छुक विद्वान इस पते पर पत्राचार कर सकतें हैं। पत्राचार का पता – राजे श्री महंत डॉ रामसुंदर दास जी महाराज,दूधाधारी मठ पुरानी बस्ती रायपुर.इस संबंध में विस्तृत जानकारी के लिये 7974921927 नंबर पर संपर्क भी किया जा सकता है या फिर EMAIL ID-kaushalyakeram@gmail.com के माध्यम से भी जानकारी ली जा सकती है.

महाजनपद काल में छत्तीसगढ़ दक्षिण कोसल के नाम से जाना जाता था। रामचरित मानस एवं वाल्मीकि रामायण में कोसल प्रदेश का उल्लेख मिलता है। मान्यता है कि कौसल्या इसी कोसल प्रदेश की राजकुमारी थी एवं राजा भानुमंत एवं माता सुबाला/अमृत प्रभा की संतान थी।

रायपुर के चंदखुरी में कौसल्या जी का एक मात्र मंदिर स्थित है। लगभग एक सौ छब्बीस तालाबों वाले इस गांव में सात तालाबों से घिरे जलसेन तालाब के बीच प्राचीन द्वीप पर यह मंदिर है, जहां भगवान श्रीरामचन्द्र जी की माता कौसल्या की प्रतिमा स्थापित है और रामलला उनकी गोद में विराजमान हैं।

माता कौशल्या की जन्मस्थली चंदखुरी है और सरकार ने इसको पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की योजना बनाई है तथा जन्म तिथि के विषय में एक जूरी भी बनाई गई है, जो जन्म तिथि पर निर्णय लेगी।