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राजमाता अहिल्याबाई होलकर की 300वीं जयंती पर रायपुर में भव्य नाट्य मंचन, मुख्यमंत्री ने बताए उनके सनातन और सुशासन के योगदान

रायपुर, 19 जुलाई 2025/ पुण्यश्लोक लोकमाता महारानी अहिल्याबाई होलकर का संपूर्ण जीवन समाज कल्याण, धार्मिक पुनर्जागरण और सुशासन के लिए समर्पित रहा। वह केवल इंदौर की महारानी ही नहीं थीं, बल्कि न्यायप्रिय, धार्मिक, उदार एवं निष्पक्ष प्रशासक के रूप में भी समादृत रहीं। उनके द्वारा देशभर में किए गए मंदिरों के पुनर्निर्माण और धार्मिक स्थलों के संरक्षण कार्य आज भी समाज के लिए प्रेरणास्रोत हैं।

पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम, रायपुर में विश्व मांगल्य सभा द्वारा आयोजित उनकी जीवनी पर आधारित नाट्य मंचन समारोह में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने मुख्य अतिथि के रूप में कहा कि राजमाता अहिल्याबाई होलकर का जीवन रामराज्य की अवधारणा का जीवंत उदाहरण है। हम सब उनकी 300वीं जयंती मना रहे हैं, और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में देशभर में विविध आयोजन किए जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह नाट्य प्रस्तुति लोगों को लोकमाता के महान कार्यों से अवगत कराने का सशक्त माध्यम बनेगी। राजमाता ने तीन दशकों तक होलकर राजवंश का सफल नेतृत्व करते हुए प्रशासन, न्याय और जनकल्याण की उत्कृष्ट व्यवस्था स्थापित की। उनका कार्यक्षेत्र इंदौर तक सीमित नहीं रहा, उन्होंने देश के विभिन्न भागों में मंदिरों, धर्मशालाओं और तीर्थ स्थलों का निर्माण एवं जीर्णोद्धार करवाया।

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उन्होंने बताया कि काशी विश्वनाथ मंदिर, जो मुग़ल शासक औरंगजेब द्वारा ध्वस्त किया गया था, उसके पुनर्निर्माण का कार्य अहिल्याबाई ने अपने कर-कमलों से करवाया। यह कार्य न केवल धार्मिक आस्था का पुनर्स्थापन था, बल्कि भारतीय आत्मसम्मान और संस्कृति का पुनरुत्थान भी था।

हरिद्वार से गंगाजल मंगवाकर कांची के शिव मंदिर में अर्पित करवाने, पुरी में धर्मशाला, द्वारका में धार्मिक निर्माण कार्य और चारों दिशाओं में सांस्कृतिक जुड़ाव का जो प्रयास अहिल्याबाई ने किया, वह आदि शंकराचार्य द्वारा चारधाम स्थापना की परंपरा को आगे बढ़ाने जैसा है।

इस कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, उपमुख्यमंत्री अरुण साव, कैबिनेट मंत्री केदार कश्यप, प्रदेश अध्यक्ष एवं जगदलपुर विधायक किरण देव साय, अजय जामवाल, पवन साय सहित अनेक विधायक, सांसद, निगम-मंडल अध्यक्ष, जनप्रतिनिधि एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।

कार्यक्रम की प्रस्तावना विश्व मांगल्य सभा की श्रीमती निकिता ताई ने प्रस्तुत की तथा जगदलपुर विधायक किरण देव साय ने भी आयोजन को संबोधित किया।

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राजमाता अहिल्याबाई होलकर की इस स्मृति संध्या में उनकी धर्मनिष्ठा, सेवा और सांस्कृतिक चेतना के विविध आयामों को मंच पर जीवंत रूप में दर्शाया गया, जो दर्शकों के लिए अत्यंत प्रेरक एवं भावप्रवण अनुभव रहा।