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पाकिस्तान ने जैफर एक्सप्रेस ट्रेन हाइजैकिंग के लिए भारत और अफगानिस्तान पर आरोप लगाए

इस्लामाबाद, पाकिस्तान – पाकिस्तान ने शुक्रवार को दावा किया कि जैफर एक्सप्रेस ट्रेन का हाइजैकिंग इस सप्ताह आतंकवादियों द्वारा किया गया था, जो “अफगानिस्तान में अपने हैंडलरों से संपर्क कर रहे थे”, जबकि आरोप लगाया कि इसके पीछे भारत का मास्टरमाइंड था।

पाकिस्तानी सेना के एक अधिकारी ने कहा कि बलूचिस्तान में हुई इस आतंकवादी घटना, और इससे पहले की घटनाओं का मुख्य प्रायोजक भारत है। उन्होंने भारतीय चैनलों द्वारा किए गए मीडिया कवरेज पर भी सवाल उठाया, जो बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) द्वारा साझा किए गए वीडियो पर आधारित थे, और आरोप लगाया कि उन चैनलों ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) से उत्पन्न छवियों या पुराने घटनाओं का इस्तेमाल किया।

हाइजैकिंग की घटनाओं का विवरण
11 मार्च को जैफर एक्सप्रेस ट्रेन को बलूचिस्तान के बोलन पास क्षेत्र में BLA के आतंकवादियों द्वारा रोका गया। हमलावरों ने ट्रेन को इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) से रोका और पैरामिलिटरी चेकपॉइंट पर तीन सैनिकों को मार डाला। इसके बाद, उन्होंने महिलाओं और बच्चों को अंदर रखा और पुरुषों को बाहर निकालकर बंधक बना लिया।

सुरक्षा बलों ने स्थिति की निगरानी के लिए ड्रोन और अन्य विधियों का इस्तेमाल किया। इंटेलिजेंस एजेंसियों ने इस बात की पुष्टि की कि हमलावरों ने अफगानिस्तान में अपने हैंडलरों से संपर्क किया था। BLA आतंकवादियों ने बंधकों को जातीय आधार पर विभाजित किया था और कुछ आतंकवादी आत्मघाती हमलावर थे।

ऑपरेशन और बचाव कार्य
11 मार्च की रात, महिलाओं, बच्चों और बुजुर्ग यात्रियों को रिहा कर दिया गया, जो नजदीकी ट्रेन स्टेशन तक चले गए। अगले दिन, सैन्य स्नाइपर्स ने कई आतंकवादियों को मार डाला, जिससे कुछ बंधकों को भागने का मौका मिला। इसके बाद, ज़र्रार कंपनी नामक विशेष बल की इकाई ने मुख्य ऑपरेशन चलाया और 12 मार्च तक सभी आतंकवादियों को मार डाला। इस ऑपरेशन में कोई बंधक हताहत नहीं हुआ।

भारत और अफगानिस्तान की प्रतिक्रियाएं
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने पहले आरोप लगाया था कि भारत और अफगानिस्तान दोनों ने इस घटना में भूमिका निभाई है। भारत ने पाकिस्तान के आरोपों को नकारते हुए कहा कि पाकिस्तान को अपनी आंतरिक समस्याओं पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। अफगानिस्तान ने भी इन आरोपों से इनकार किया और कहा कि पाकिस्तान को अपनी सुरक्षा स्थिति पर ध्यान देना चाहिए।

यह घटना पाकिस्तान की सुरक्षा स्थिति को और जटिल बना सकती है, और भारत और अफगानिस्तान के साथ संबंधों में तनाव बढ़ा सकता है।

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