स्थानांतरण नीति घोषित, 16 जून 2014 से होंगे स्थानांतरण
रायपुर/राज्य सरकार ने चालू वर्ष 2014.15 के लिए आज अपनी स्थानांतरण नीति की घोषणा कर दी। सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा शाम यहां नया रायपुर स्थित मंत्रालय महानदी भवन से प्रदेश के समस्त विभागाध्यक्षों संभागीय आयुक्तों और जिला कलेक्टरों को जारी परिपत्र में स्थानांतरण नीति का पालन सुनिश्चित करने के लिए विस्तृत दिशा निर्देश दिए गए हैं। इसमें कहा गया है कि जिला स्तर और राज्य स्तर पर स्थानांतरण 16 जून 2014 से 15 जुलाई 2014 तक होंगे। दोनों स्तर के तबादलों के लिए कर्मचारियों से आवेदन पत्र छह जून 2014 से 16 जून 2014 तक प्राप्त किए जा सकेंगे।
परिपत्र में बताया गया है कि जिला स्तरीय स्थानांतरण के अंतर्गत तृतीय श्रेणी गैर कार्यपालिक और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के तबादले संबंधित जिले के प्रभारी मंत्री के अनुमोदन से कलेक्टर द्वारा किए जा सकेंगे। इसके लिए छह जून से 16 जून तक आवेदन पत्र संबंधित विभागों के जिला स्तरीय कार्यालयों में प्राप्त किए जाएंगे। स्थानांतरण प्रस्ताव विभाग के जिला स्तरीय अधिकारी द्वारा तैयार कर कलेक्टर के माध्यम से प्रभारी मंत्री के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा और प्रभारी मंत्री के अनुमोदन के बाद कलेक्टर आदेश प्रसारित करेंगे। तृतीय श्रेणी के कर्मचारियों के मामले में उनके संवर्ग में कार्यरत कर्मचारियों की कुल संख्या के अधिकतम दस प्रतिशत और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के मामले में अधिकतम पांच प्रतिशत तबादले किए जा सकेंगे। परस्पर सहमति से स्वयं के व्यय पर होने वाले तबादलों की गणना इस सीमा के लिए नहीं की जाएगी। स्थानांतरण के समय यह ध्यान रखा जाएगा कि यदि अनुसूचित क्षेत्रों के शासकीय सेवक का गैर अनुसूचित क्षेत्र में स्थानांतरण का प्रस्ताव है तो उसके एवजीदार का भी प्रस्ताव जो गैर अनुसूचित क्षेत्र से होंद्ध अनिवार्य रूप से रखा जाए। कलेक्टर यह भी सुनिश्चित करेंगे कि यथासंभव अनुसूचित क्षेत्र के रिक्त पद भरें जाएं। शहरी क्षेत्रों और ग्रामीण क्षेत्रों में रिक्तियों का जो असंतुलन हैए उसे संतुलित करने का विशेष ध्यान रखा जाए।
जिला स्तरीय कार्यालयों में पदस्थ कर्मचारियों के स्थानांतरण संभागीय कार्यालयों में शासन के पूर्व अनुमोदन से संभागीय अधिकारी ही कर सकेंगे और संभागीय कार्यालयों में पदस्थ कर्मचारियों स्थानांतरण जिला स्तरीय कार्यालय में शासन स्तर से किया जाएगा। स्थानांतरण आदेश जारी होने पर उनका क्रियान्वयन 30 जुलाई 2014 तक सुनिश्चित किया जाएगा। राज्य स्तर पर स्थानांतरण के लिए आवेदन पत्र छह जून 2014 से 16 जून 2014 तक प्राप्त किए जाएंगे। राज्य स्तर पर स्थानांतरण 16 जून 2014 से 15 जुलाई 2014 तक किए जा सकेंगे। प्रत्येक स्तर का स्थानांतरण संबंधित विभाग के प्रभारी मंत्री के अनुमोदन से ही किया जा सकेगा। यदि किसी शासकीय सेवक की पत्नी-पति एक ही स्थान पर पदस्थापना के लिए आवेदन करें तो यथासंभव प्रशासकीय सुविधा और जनहित को ध्यान में रखकर उन्हें एक ही स्थान पर पदस्थापना देने का प्रयास किया जाएगा।
परिपत्र में कहा गया है कि किसी भी शासकीय सेवक को ऐसी पदस्थापना पाने का अधिकार प्राप्त नहीं होगाए लेकिन उसके आवेदन पर विभाग द्वारा सहानुभूति पूर्वक विचार कर निर्णय लिया जाएगा। राज्य स्तरीय स्थानांतरण प्रथम और द्वितीय श्रेणी के अधिकारियों के मामले में उनके संवर्ग में कार्यरत अधिकारियों की कुल संख्या के अधिकतम पंद्रह प्रतिशत और तृतीय श्रेणी कर्मचारियों के मामले में अधिकतम दस प्रतिशत और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के मामले में अधिकतम पांच प्रतिशत स्थानांतरण किए जा सकेंगे। स्थानांतरण आदेश निरस्त नहीं किए जाएंगेए लेकिन किसी भी प्रकार के स्थानांतरण आदेश यदि निरस्त या संशोधित किया जाना हो तो ऐसे निरस्तीकरण-संशोधन आदेश का प्रस्ताव समन्वय में प्रस्तुत किया जाएगा और समन्वय में अनुमोदन के बाद ही निरस्त या संशोधित किए जा सकेगा। जिला स्तर और विभाग स्तर पर 15 जुलाई 2014 के बाद तबादलों पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगाए लेकिन अत्यंत आवश्यक परिस्थितियों में प्रतिबंध अवधि में समन्वय में अनुमोदन के बाद ही तबादले किए जा सकेंगे।
परिपत्र में स्थानांतरण नीति के विशेष उपबंधों में छूट के संबंध में कहा गया है कि कतिपय प्रकार की पदस्थापनाओं में अप्रत्यक्ष रूप से स्थानांतरण निहित अवश्य होता है लेकिन इसके लिए प्रकरण समन्वय में भेजने की आवश्यकता नहीं है। ऐसी पदस्थापना संबंधी आदेश विभागीय मंत्री के अनुमोदन से वर्ष भर जारी किए जा सकेंगे जिनमे प्रतिनियुक्ति से वापस आने पर विभाग के अधीन की जाने वाली पदस्थापनाए यदि उससे कोई अन्य व्यक्ति प्रभावित न होए किसी विभाग के शासकीय सेवक प्रथम श्रेणी अधिकारियों के मामलों को छोड़कर की सेवाओं को अन्य विभाग-संस्था में प्रतिनियुक्ति अथवा डिप्लायमेंट एक्स कैडर पदस्थापना पर सौंपा जाना भी शामिल है। इसके अलावा विशेष उपबंध छूट के तहत होने वाली पदस्थापनाओं में मध्यप्रदेश से छत्तीसगढ़ के लिए आवंटित अथवा आपसी अदला-बदली की नीति के अनुरूप छत्तीसगढ़ संवर्ग में आने वाले अधिकारी-कर्मचारी की मध्यप्रदेश से भारमुक्त होकर छत्तीसगढ़ में कार्यभार ग्रहण करने पर पदस्थापनाए यदि उनसे अन्य व्यक्ति प्रभावित न होता होए लोक सेवा आयोग से अथवा चयन समिति द्वारा चयनित नई नियुक्ति से संबंधित उम्मीद्वारों की रिक्त पदों पर पदस्थापनाए न्यायालय के निर्देश-निर्णय के पालन में स्थानांतरण कर पदस्थापना करनाए यदि कोई अन्य व्यक्ति प्रभावित न होता होए एक ही स्थान शहर में एक कार्यालय से दूसरे कार्यालय में पदस्थापना शामिल है।
परिपत्र में कहा गया है कि किसी भी स्तर के स्थानांतरण आदेश अनुमोदन की प्रत्याशा में जारी नहीं किए जाएंगे। जिला स्तर पर स्थानांतरण आदेश जिले के प्रभारी मंत्री के अनुमोदन के बाद और राज्य स्तर के स्थानांतरण आदेश विभागीय मंत्री के अनुमोदन के बाद जारी किए जा सकेंगे। राज्य स्तरीय स्थानांतरण से व्यथित यदि कोई शासकीय सेवक अभ्यावेदन करना चाहे तो स्थानांतरण नीति के उल्लंघन के संबंध में स्पष्ट आधारों के साथ अपना अभ्यावेदन स्थानांतरण आदेश जारी होने की तारीख से 15 दिनों के भीतर शासन स्तर की वरिष्ठ सचिव समिति के संयोजक एवं सचिव सामान्य प्रशासन विभाग को प्रस्तुत कर सकेंगे। समिति द्वारा ऐसे प्रकरणों का परीक्षण करने के बाद अपनी अनुशंसा संबंधित विभाग को भेजी जाएगी। यह संबंधित विभाग का दायित्व होगा कि प्रकरण में आवश्यकता अनुसार समन्वय में विधिवत अनुमोदन के बाद यथोचित आदेश पारित करे।