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शेख हसीना का इस्तीफ़ा नहीं मिला : राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन

बांग्लादेश की सियासत में एक बड़ा मोड़ तब आया जब राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने अपने एक साक्षात्कार में चौंकाने वाले खुलासे किए। उन्होंने बताया कि 5 अगस्त को प्रधानमंत्री शेख हसीना के आवास से उनके कार्यालय में फोन आया था, जिसमें कहा गया था कि हसीना उनसे मिलने आएंगी। लेकिन एक घंटे बाद ही दूसरा फोन आया कि वह अब नहीं आ पाएंगी।

राष्ट्रपति शहाबुद्दीन ने इसके बाद सैन्य सचिव जनरल मोहम्मद आदिल से संपर्क किया, लेकिन उन्हें भी इस पर कोई जानकारी नहीं थी। इसके बाद, जब सेना प्रमुख जनरल वाकर बंगभवन आए, तो राष्ट्रपति ने यह जानने की कोशिश की कि क्या प्रधानमंत्री ने इस्तीफा दे दिया है। सेना प्रमुख ने यही सुना था कि हसीना ने इस्तीफा दिया है, लेकिन उन्होंने इस संबंध में कोई आधिकारिक सूचना नहीं दी थी।

इसके बाद कैबिनेट सचिव राष्ट्रपति के पास इस्तीफे की प्रति लेने आए, लेकिन राष्ट्रपति ने जवाब दिया कि वह खुद भी इसकी तलाश कर रहे हैं। राष्ट्रपति ने स्पष्ट रूप से कहा कि हसीना अब जा चुकी हैं और यह सच्चाई है। हालांकि, इस्तीफे का कोई दस्तावेजी प्रमाण उनके पास नहीं है।

राष्ट्रपति के इन बयानों के बाद सियासी हलचल और तेज हो गई है, क्योंकि उन्होंने नए प्रधानमंत्री मोहम्मद युनूस को शपथ दिला दी है। इस घटना के बाद बांग्लादेश में संवैधानिक संकट खड़ा हो गया है। प्रधानमंत्री शेख हसीना के बिना इस्तीफ़ा दिये  ही नये प्रधानमंत्रिiल मोहम्मद युनूस को शपथ दिला दी गई।

‘ढाका ट्रिब्यून’ और ‘मनाब जमीन’ के हवाले से यह रिपोर्ट सामने आई है, जिसने बांग्लादेश की राजनीति में उथल-पुथल मचा दी है। राष्ट्रपति ने कहा कि उन्होंने सुना था कि हसीना ने देश छोड़ने से पहले इस्तीफा दिया था, लेकिन इसका कोई प्रमाण नहीं है।

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