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सुकमा में डायरिया का कहर: चितलनार में 7 मौतों से गांववाले दहशत में

छत्तीसगढ़ के सुकमा के एक गांव में लोगों की लगातार मौतों का सिलसिला जारी है। इन मौतों ने पूरे गांव को दहशत में डाल दिया है। गांववाले बेहद चिंतित हैं और उन्हें समझ नहीं आ रहा कि क्या करें। दरअसल, यहां बाढ़ के बाद डायरिया फैल गया है, जिससे लगभग सभी लोग बीमार हो गए हैं। स्वास्थ्य विभाग ने गांव में स्वास्थ्य कैंप लगाया है, लेकिन स्थिति अभी भी जटिल बनी हुई है। मेडिकल टीम ने यहां दो दिनों में 100 से ज्यादा लोगों की जांच की है, जिनमें से 40 से अधिक लोगों में शरीर में दर्द है, जबकि 9 लोग डायरिया से पीड़ित पाए गए हैं। कई लोगों को बुखार भी है।

सुकमा जिला मुख्यालय से करीब 45 किलोमीटर दूर चितलनार गांव स्थित है, जो ओडिशा की सीमा से लगा हुआ है। अक्टूबर महीने में गांव के पास की नदी उफान पर थी, जिससे पूरा गांव टापू में तब्दील हो गया था। कई घरों में पानी घुस गया था। जैसे ही बाढ़ का पानी उतरा, गांव में डायरिया फैलना शुरू हो गया। गांववालों का कहना है कि पिछले 15 दिनों में यहां 7 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें से 5 मौतें केवल एक हफ्ते के अंदर हुईं। इन मौतों ने गांव में दहशत फैला दी है, और लोग चिंतित हैं कि अब क्या करें।

गांव के निवासी घेनवाराम ने बताया कि उनके भाई सेतुराम की उम्र 40 वर्ष थी। 14 अक्टूबर को रात करीब 8 बजे उन्हें उल्टी हुई और उसके बाद दस्त होने लगे। उन्होंने दवा ली, लेकिन स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ। 15 अक्टूबर की सुबह उनकी हालत बिगड़ गई और उनका पूरा शरीर अकड़ने लगा। सुबह 10 बजे उनकी मौत हो गई, और शाम 4 बजे उनका अंतिम संस्कार किया गया। इन 15 दिनों में सुकलु, पति दूधी मासा, जिरमिट्टी, पति लछिन्दर, सुकड़ी, पति सुरेंद्र, सुकड़ी, पति बिट्ठल और सेतुराम की मौत हो चुकी है।

गांव में खासपारा, कलारपारा, कुंजामपारा, नया पारा, मुड़वाल, पटेल पारा और मुड़ापारा जैसे इलाकों में करीब 4,500 लोग निवास करते हैं। इन लगातार मौतों ने गांव में दहशत फैला दी है और लोग स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर चिंतित हैं।

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