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व्हाट्सएप की खामी से दुनिया भर में मचा हड़कंप, जानिए असलियत क्या है?”

नवंबर 2025 में व्हाट्सएप से जुड़े एक बड़े खुलासे ने वैश्विक स्तर पर हलचल मचा दी। ऑस्ट्रिया की यूनिवर्सिटी ऑफ विएना और SBA रिसर्च के विशेषज्ञों ने बताया कि व्हाट्सएप की “कॉन्टैक्ट डिस्कवरी” फीचर में कमजोरी के कारण दुनिया के 3.5 अरब से ज्यादा एक्टिव यूजर्स के फोन नंबर, प्रोफाइल फोटो और अन्य पब्लिक जानकारी को बड़े पैमाने पर स्कैन किया जा सकता था। यह कोई चोरी या हैक नहीं था, बल्कि ऐप डिजाइन में रेट लिमिट की कमी के कारण संभव हुआ।

रिसर्च टीम गैब्रियल गेगेनहुबर, फिलिप फ्रेंजेल और मैक्सिमिलियन गुन्थर ने व्हाट्सएप वेब इंटरफेस को रिवर्स-इंजीनियर किया और एक ऑटोमेटेड टूल से 245 देशों के 63 अरब संभावित नंबर चेक किए। हैरानी की बात यह रही कि क्वेरी की संख्या पर कोई ब्लॉक या कैप्चा नहीं लगा और लगभग 3.5 अरब वास्तविक व्हाट्सएप अकाउंट सामने आ गए। इनमें से करीब 57% अकाउंट में प्रोफाइल फोटो भी पब्लिक रूप में दिखी।

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भारत इस सूची में सबसे ऊपर रहा, जहां करीब 75 करोड़ नंबर स्कैन किए जा सके। यह घटना इसलिए गंभीर मानी गई क्योंकि नंबर आधारित पहचान उपयोगकर्ताओं को स्पैम, फिशिंग, स्मिशिंग और सिम स्वैपिंग जैसे खतरों के प्रति संवेदनशील बनाती है। ईरान और चीन जैसे प्रतिबंधित देशों में यह जोखिम और भी बड़ा है।

हालांकि, यह डेटा किसी के हाथ नहीं लगा। रिसर्चर्स ने जानकारी जिम्मेदारी से उपयोग की, किसी डेटाबेस को सार्वजनिक नहीं किया और प्रक्रिया पूरी होने पर डेटा मिटा दिया। मेटा का कहना है कि उन्हें इस खामी की जानकारी अप्रैल 2025 में मिली और अक्टूबर 2025 में मजबूत रेट लिमिटिंग लागू करके समस्या को ठीक कर दिया गया।

डार्क वेब पर दिख रहे मोबाइल नंबरों को लेकर भी बाते हुई, लेकिन विशेषज्ञों के मुताबिक वे पुराने लीक जैसे 2021 फेसबुक लीक और 2022 व्हाट्सएप स्क्रैपिंग से जुड़े हैं। यह नया कोई ‘मासिव लीक’ नहीं है।

कंपनी का दावा है कि यूजर्स के चैट, मीडिया और प्राइवेट संदेश हमेशा की तरह एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड रहे और सुरक्षित हैं।

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क्या करें?
यूजर्स को सलाह दी गई है कि वे प्रोफाइल फोटो, अबाउट और लास्ट सीन जैसी सेटिंग्स को “My Contacts” या “Nobody” पर रखें, अनजान नंबरों से बचें और टू-स्टेप वेरिफिकेशन को सक्रिय कर लें।

यह घटना बताती है कि फोन नंबर को ऑनलाइन पहचान के रूप में इस्तेमाल करना कितना जोखिम भरा हो सकता है। व्हाट्सएप भविष्य में यूजरनेम फीचर पर काम कर रहा है, जो सुरक्षा को बेहतर बनाएगा।