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छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल ने छह माह में रचा नया कीर्तिमान, 2230 संपत्तियों के विक्रय से 435 करोड़ का राजस्व अर्जित

रायपुर, 10 सितंबर 2025/ छत्तीसगढ़ के शहरी क्षेत्रों में मध्यम और निम्न आय वर्ग के लोगों को सुविधा युक्त आवास का सपना अब साकार हो रहा है। छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल ने मात्र छह माह की अवधि में 2230 संपत्तियों का विक्रय कर 435 करोड़ रुपये का रिकॉर्ड राजस्व अर्जित किया है। यह आँकड़ा पिछले पाँच वर्षों में अर्जित राजस्व की तुलना में कहीं अधिक है। इस उपलब्धि में वन टाइम सेटलमेंट योजना-2 (ओटीएस-2) ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और इसे गेम चेंजर माना जा रहा है।

आवास एवं पर्यावरण मंत्री ओ.पी. चौधरी ने कहा कि सरकार का उद्देश्य केवल संपत्तियों का विक्रय करना नहीं है, बल्कि हर परिवार को सुरक्षित और सम्मानजनक छत प्रदान करना है। उन्होंने बताया कि यह सफलता हितग्राहियों के विश्वास और मंडल की टीम के समर्पण का परिणाम है। अब गुणवत्ता आधारित आवास उपलब्ध कराने की दिशा में और तेजी से काम किया जाएगा।

गृह निर्माण मंडल के अध्यक्ष अनुराग सिंह देव ने कहा कि भविष्य में किफायती दरों पर नए हाउसिंग प्रोजेक्ट्स लॉन्च करने की योजना है। साथ ही डिजिटल रजिस्ट्रेशन, ई-आवास और भुगतान प्रक्रिया को और अधिक सरल एवं पारदर्शी बनाने पर काम हो रहा है। उन्होंने बताया कि केवल छह माह में ही 2200 से अधिक परिवारों का ‘अपने घर का सपना’ पूरा हुआ है। मंडल का लक्ष्य छत्तीसगढ़ को आवास क्रांति में देश का अग्रणी राज्य बनाना है।

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आँकड़ों के अनुसार, गृह निर्माण मंडल ने पिछले वर्षों में औसतन प्रतिवर्ष 1387 संपत्तियों का विक्रय किया था, जिनका वार्षिक मूल्य लगभग 262 करोड़ रुपये रहा। वहीं मार्च 2025 से अगस्त 2025 तक मात्र छह माह में ही यह आँकड़ा 2230 संपत्तियों और 435 करोड़ रुपये तक पहुँच गया। इसमें अटल विहार एवं सामान्य आवास योजना के तहत 1070 संपत्तियाँ 259 करोड़ रुपये में और ओटीएस-2 योजना के अंतर्गत 1160 संपत्तियाँ 176 करोड़ रुपये में विक्रय की गईं।

ओटीएस-2 योजना ने आम नागरिकों को बड़ी राहत दी है। इस योजना के तहत 1160 संपत्तियों का 176 करोड़ रुपये मूल्य का विक्रय हुआ। जबकि इसके पहले सितंबर 2021 से मार्च 2024 तक लागू ओटीएस-1 योजना में तीन वर्षों में केवल 506 संपत्तियाँ 88 करोड़ रुपये में ही विक्रय हो पाई थीं।

यह उपलब्धि न केवल मंडल की कार्यकुशलता को दर्शाती है, बल्कि यह भी साबित करती है कि सरकार की नीतियाँ और योजनाएँ आमजन की वास्तविक जरूरतों को पूरा कर रही हैं।

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