भारत में विदेशियों की एंट्री पर कड़े नियम : राष्ट्रविरोधी गतिविधियों, अपराध और तस्करी में दोषी पाए जाने पर प्रवेश पर रोक
नई दिल्ली, 02 सितंबर 2025/ भारत सरकार ने देश की सुरक्षा और आंतरिक व्यवस्था को मजबूत करने के लिए विदेशियों की आवाजाही और प्रवास से जुड़ी नीतियों में बड़ा बदलाव किया है। गृह मंत्रालय द्वारा जारी नए आदेश में साफ किया गया है कि अब भारत में प्रवेश करने वाले हर विदेशी नागरिक को कड़े नियमों का पालन करना होगा। हाल ही में लागू किए गए “आव्रजन एवं विदेशी अधिनियम, 2025” के तहत यह प्रावधान अनिवार्य किया गया है।
किन परिस्थितियों में एंट्री पर लगेगी रोक?
गृह मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि यदि किसी विदेशी नागरिक पर निम्न आरोप सिद्ध होते हैं, तो उसे भारत में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी—
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राष्ट्रविरोधी गतिविधियां
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जासूसी
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दुष्कर्म और हत्या
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आतंकवादी कृत्य
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बाल तस्करी
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प्रतिबंधित संगठन का सदस्य होना
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मादक पदार्थों एवं नशीली पदार्थों की तस्करी
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मानव तस्करी
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नकली यात्रा दस्तावेज़ों और नकली मुद्रा (क्रिप्टोकरेंसी सहित) का कारोबार
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साइबर अपराध
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बाल शोषण
हिरासत केंद्र और डिटेंशन कैंप
आदेश के अनुसार, प्रत्येक राज्य सरकार और केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन को अब समर्पित हिरासत केंद्र या डिटेंशन कैंप स्थापित करने होंगे। इनमें उन विदेशियों को रखा जाएगा जिनके खिलाफ गंभीर आरोप हैं या जिनका निर्वासन लंबित है।
भारत के भीतर पकड़े गए अवैध प्रवासियों को भी निर्वासन तक ऐसे होल्डिंग सेंटर में ही रखा जाएगा।
बायोमेट्रिक जानकारी होगी अनिवार्य
किसी भी श्रेणी का वीज़ा लेने वाले विदेशी नागरिक को अब अपनी बायोमेट्रिक जानकारी देना अनिवार्य होगा। इसमें भारत के प्रवासी नागरिक (OCI) कार्डधारक भी शामिल हैं।
सीमा सुरक्षा बल (BSF) और तटरक्षक बल (Coast Guard) को निर्देश दिया गया है कि भारत में प्रवेश करने का प्रयास करने वाले किसी भी अवैध प्रवासी की बायोमेट्रिक और जनसांख्यिकीय जानकारी केंद्रीय पोर्टल पर दर्ज की जाए, ताकि उनकी गतिविधियों पर निगरानी रखी जा सके।
रोजगार से जुड़ी नई शर्तें
नए नियमों के तहत अब कोई भी विदेशी नागरिक, जिसके पास भारत में रोजगार के लिए वैध वीजा है, नागरिक प्राधिकरण की अनुमति के बिना बिजली या पानी आपूर्ति से जुड़े निजी क्षेत्र के उपक्रम में नौकरी नहीं कर सकेगा।
उद्देश्य और महत्व
गृह मंत्रालय का कहना है कि इन कड़े प्रावधानों का उद्देश्य न केवल देश की सुरक्षा को सुनिश्चित करना है, बल्कि आंतरिक अपराध और अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगाना भी है। यह कदम विदेशी नागरिकों के नियमन और निगरानी की दिशा में भारत सरकार की गंभीरता को दर्शाता है।